बचकर रहिए इस मौसम में, कहीं फुला न दे आपका दम
बदलते मौसम में दमा के मरीज बढ़ गए हैं। वहीं लकवा और हार्ट अटैक होने का भी लोगों में खतरा बढ़ा है। ऐसे में चिकित्सक लोगों को सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं।
प्रयागराज : मौसम तेजी से बदल रहा है। सुबह ठंडक व दिन में धूप ने सेहत की गणित बिगाड़ दी है। इस मौसम व बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते युवा भी दमा के संक्रमण से ग्रस्त हो रहे हैं। उनका दम फूलने लगा है। साथ ही दमा के मरीजों के लिए भी यह मौसम विपरीत है। उन्हें बचकर रहने की जरूरत है।
प्रतापगढ़ स्थित जिला अस्पताल की ओपीडी में मौसम से पीडि़त मरीजों की आमद बढ़ गई है। यहां सितंबर तक जहां प्रतिदिन 60 से 70 मरीज आते थे, अक्टूबर के पहले सप्ताह के बाद यह संख्या 100 को छू रही है। इसमें ङ्क्षचता की बात यह है कि अधिकतर मरीज श्वांस संबंधित समस्या से ग्रस्त हैं। बार-बार बुखार से भी वह परेशान होते हैं। 20 फीसद ऐसे मरीज भी हैं जो दमा के प्रारंभिक लक्षणों से पस्त रहते हैं। उन्हें सांस फूलने के मर्ज की भनक नहीं होती। वह समझते हैं कि सर्दी व खांसी ही है। चिकित्सक उनको बताते हैं कि यह समस्या वायरल नहीं है, बल्कि बीमारी दमा की ओर इशारा कर रही है।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. आरपी चौबे का कहना है कि शुरुआती ठंड मध्य से अधिक खतरनाक होती है, क्योंकि इसमें लोग लापरवाही बरतते हैं। इस मौसम में ब्लड प्रेशर की समस्या भी बढ़ जाती है। ऐसे में हार्ट अटैक, एक अंग का लकवा होने का खतरा भी सकता है। अचानक सीने में दर्द बढ़ सकता है। इन समस्याओं व खतरों से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। इसकी शुरुआती जांच के लिए जिला अस्पताल में तत्काल फिजीशियन से मिलने की उन्होंने सलाह दी।
मिल रहे लक्षण :
-सांस लेने में दिक्कत
-सीने में जकडऩ
-कई दिन कफ निकलना
-अधिक पसीना आना
-नाक में जलन
-नाक से पानी बहना
-बार-बार छींकना
-गले में सूजन
-बोलने में भारीपन
-बार-बार खांसी आना
-सीढ़ी चढ़ते हांफना
-तेज चलने में समस्या
इसका रखें ध्यान :
-फ्रिज का पानी पीना बंद करें।
-आइसक्रीम का सेवन न करें।
-सुबह बाइक से कम निकलें
-निकलें तो स्वेटर, टोपी पहनें।
-दही, कोल्ड ङ्क्षड्रक न लें।
-रात में भी पूरे कपड़े पहनें।
-वायु प्रदूषण से बचाव करें।
-रात में चलें तो दस्ताने पहनें।
-हो सके तो गुनगुना पानी पीएं।
-घर में ही कुछ व्यायाम करें।