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Swatantrata Ke Sarthi : प्रयागराज में युवाओं की टीम चला रही लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाने की मुहिम

Swatantrata Ke Sarthi लीगल एड क्लीनिक के जरिए प्रयागराज में युवाओं की टीम लोगों को संवैधानिक अधिकार प्रदान कर रही है। इस मुहिम में अधिवक्‍ता भी हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 03:25 PM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 04:49 PM (IST)
Swatantrata Ke Sarthi : प्रयागराज में युवाओं की टीम चला रही लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाने की मुहिम
Swatantrata Ke Sarthi : प्रयागराज में युवाओं की टीम चला रही लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाने की मुहिम

प्रयागराज, [शरद द्विवेदी]। ‘समस्याएं हैं हजार, तो है उसका भी उपचार।’ यह मंत्र है जिले में सक्रिय ‘प्रयागराज लीगल एड क्लीनिक’ का। करछना तहसील अंतर्गत डीहा गांव निवासी विशंभर नाथ मिश्र को शौचालय बनवाने पर सिर्फ दो हजार रुपये मिले थे, जबकि नियम है सरकार से 12 हजार रुपये मिलने का। इसी साल पांच जून को क्लीनिक के शिविर में जब विशंभर ने पीड़ा सुनाई तो उन्हें पूरी रकम मिल गई। विधिक उपायों के जरिए संवैधानिक अधिकारों को कुछ इसी तरह सहज सुलभ करा रही है लीगल एड क्लीनिक।

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यह मिली उपलब्धि

- डॉक्टर की भूमिका में होते हैं युवा अधिवक्ता।

- समस्याओं का मुफ्त निस्तारण कराते हैं।

- लगभग 200 अधिवक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लाभों को जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं।

- संस्था के प्रयासों से ही आज कौशांबी में पूरामुफ्ती निवासी प्रफुल्ल मिश्र को निर्वस्त्र कर खंभे में बांधकर पीटने वाले सलाखों के पीछे हैं।

- प्रयागराज में अल्लापुर निवासी अनूप मिश्र को नौकरी के नाम पर ठगने वाले दंड के भागीदार बने।

वर्ष 2013 से चल रही मुहिम

मजलूमों को मुफ्त कानूनी मदद की यह शुरुआत 2013 में हुई। भारतीय विद्यापीठ न्यू लॉ कालेज पुणे से विधि स्नातक गौरव द्विवेदी और उनके साथियों ने लीक से हटकर कुछ अलग करने की बात सोची। अखबारों में छपी खबरें उनकी सूचना का स्रोत होती थीं। थाना-अदालत से वह इसका समाधान कराने लगे। धीरे-धीरे और युवा

अधिवक्ता जुड़े तो मदद का यह स्वरूप प्रयागराज लीगल एड क्लीनिक के रूप में आया। सिविल लाइंस में जीएचएस कॉलेज के पास प्रतिदिन शाम चार से छह बजे तक सदस्य फरियाद सुनते हैं।

जुड़े हैं वरिष्ठ अधिवक्ता

इन युवा वकीलों को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह, पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा सहित 70 से अधिक वरिष्ठ अधिवक्ताओं का मार्गदर्शन भी मिलता है। क्लीनिक से जुड़े सक्रिय सदस्यों की लगभग संख्या 230 है। पुणे, देहरादून के 100 विधि छात्र भी जुड़े हैं। प्रत्येक रविवार ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगता

है। अब तक पुणे, कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, चित्रकूट, लखनऊ में शिविर लग चुके हैं और इनमें करीब पांच हजार लोगों को लाभ मिलने का दावा है। भेंट करते हैं तुलसी का पौधा विधिवेत्ताओं की यह युवा पीढ़ी प्रकृति से

भी लोगों को अनूठे अंदाज में जोड़ रही है। जहां शिविर लगता है, वहां लोगों को तुलसी का पौधा भेंट कर उसकी रक्षा का संकल्प दिलवाया जाता है। अभी तक आठ हजार पौधों का वितरण किया जा चुका है।


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