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कौशांबी में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की लापरवाही से अब तक नहीं इन मरीजों की नहीं हो रही सर्जरी

सीएमओ डॉ. पीएन चतुर्वेदी ने बताया कि जनपद के पांच कुष्ठ रोगियों को सर्जरी के लिए रेफर किया गया है। उनकी सर्जरी अब तक नहीं हुई है तो ये प्रकरण गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 04:05 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 04:05 PM (IST)
कौशांबी में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की लापरवाही से अब तक नहीं इन मरीजों की नहीं हो रही सर्जरी
कौशांबी में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की लापरवाही से अब तक नहीं इन मरीजों की नहीं हो रही सर्जरी

 कौशांबी,जेएनएन।  राष्ट्रीय कुष्ठ रोग निवारण कार्यक्रम के तहत रोगियों का चयन कर उनका समुचित इलाज करना शासन की प्राथमिकता में शामिल हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक निर्देश भी दिया गया है। अभियान चलाकर स्वास्थ्य विभाग ने रोगियों का चयन किया गया। 138 लोगों की दवा चल रही है। आधा दर्जन से अधिक दिव्यांग हो गए है, इलाज के नाम पर दिव्यांगों को रेफर कर स्वास्थ्य विभाग अपना पल्ला झाड़ लिया है।  उनका इलाज नहीं हो पा रहा है।

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अस्‍पताल रेफर कर भूला स्‍वास्‍थ्‍य विभाग

    कुष्ठ रोग से पीडि़त मरीजों को खोज कर उनका इलाज कराने के लिए जिला कुष्ठ निवारण अधिकारी समेत दर्जन भर स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की है। तैनात चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी वेतन के नाम पर लाखों रुपये डकार रहे हैं। इसमें अधिकतर कर्मचारी बेहद लापरवाही कर रहे हैं। इसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। बीते वित्तीय वर्ष में खोजे गए मरीजों में से छह मरीज दिव्यांग हैं। सभी मरीजों को सर्जरी के लिए प्रयागराज के नैनी स्थित कुष्ठ मिशन अस्पताल में इलाज के लिए रेफर किया गया है। मरीजों का कहना है कि रेफर करने के बाद अफसर व स्वास्थ्य कर्मी कभी नहीं मिले। गरीबी के कारण मरीज निजी वाहन कर इलाज कराने के नैनी अस्पताल नहीं पहुंच सके। कुछ मरीज अस्पताल गए लेकिन सर्जरी नहीं की गई। इसकी जानकारी जिला कुष्ठ निवारण अधिकारी को मरीजों ने दी थी। इसके बाद भी उनके इलाज के लिए ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। सीएमओ डॉ. पीएन चतुर्वेदी ने बताया कि जनपद के पांच कुष्ठ रोगियों को सर्जरी के लिए रेफर किया गया है। उनकी सर्जरी अब तक नहीं हुई है तो ये प्रकरण गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही सभी मरीजों को कुष्ठ मिशन अस्पताल नैनी में इलाज के लिए भर्ती कराया जाएगा।

सर्जरी के बाद मिलता है 8000 रुपये

राष्ट्रीय कुष्ठ रोग निवारण कार्यक्रम के तहत कुष्ठ रोगियों को तलाशने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। दिव्यांग की श्रेणी में आने वाले मरीजों के समुचित इलाज के लिए नैनी में कुष्ठ मिशन अस्पताल भी खोला गया है। यहां पर सर्जरी कराने वाले मरीजों को 8000 रुपये भी दिया जाता है।

143 मरीजों को मिल रही पेंशन

जिला कुष्ठ रोग निवारण अधिकारी डा. आशाराम ने बताया कि इन दिनों जनपद में 143 मरीज कुष्ठ रोग की वजह से दिव्यांग हो चुके हैं। ऐसे मरीजों को समाज कल्याण विभाग की ओर से 2500 रुपये प्रतिमाह पेंशन के रूप में मिल रहा है।


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