Move to Jagran APP

आइआरसीटीसी में 80 फीसद घटी भोजन की सप्लाई

संक्रमण काल में फिर कामकाज प्रभावित हो रहा है। पिछली बार लागू लॉकडाउन के करीब 11 महीने बाद इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) में ई-कैटरिंग सेवा शुरू की गई। शुरुआत में इस काम को गति भी मिली। लेकिन संक्रमण बढ़ने के साथ ऑर्डर भी कम होते गए। अब करीब

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 06:33 PM (IST)
आइआरसीटीसी में 80 फीसद घटी भोजन की सप्लाई
आइआरसीटीसी में 80 फीसद घटी भोजन की सप्लाई

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : संक्रमण काल में फिर कामकाज प्रभावित हो रहा है। पिछली बार लागू लॉकडाउन के करीब 11 महीने बाद इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) में ई-कैटरिंग सेवा शुरू की गई। शुरुआत में इस काम को गति भी मिली। लेकिन, संक्रमण बढ़ने के साथ ऑर्डर भी कम होते गए। अब करीब 80 फीसद भोजन की सप्लाई घट गई है। इससे अनुबंधित रेस्टोरेंट संचालकों के कारोबार पर संकट खड़ा हो गया है।

loksabha election banner

दरअसल, फरवरी में आइआरसीटीसी ने प्रयागराज जंक्शन के लिए स्थानीय रेस्टोरेंट के साथ अनुबंध किया था। इसके बाद ऑनलाइन भोजन बुकिंग की सेवाएं भी शुरू की गई। शुरुआत में 20 से 25 ऑर्डर प्रति संचालक को मिलते थे। लेकिन, संक्रमण बढ़ने के साथ ई-कैटरिग सेवा को ग्रहण लगने लगा। धीरे-धीरे ऑर्डर में कमी आने लगी। फिलहाल चार रेस्टोरेंट से अनुबंध है, जो भोजन की सप्लाई करते हैं। रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि अब महज तीन या चार ऑर्डर ही मिल रहे हैं। बता दें कि आइआरसीटीसी ने ट्रेनों में भोजन के पैकेट की डिलीवरी कराने के लिए फरवरी में स्थानीय रेस्टोरेंट से अनुबंध किया था। इसका विस्तार करने की योजना थी। इसी के तहत जंक्शन पर भी ई-कैटरीन सेवा शुरू हो गई। रेस्टोरेंट की गुणवत्ता परखने के बाद अनुबंध किए गए। फिलहाल डिलीवरी ब्वॉय और रेस्टोरेंट में कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कराया जा रहा है। अनुबंधित रेस्टोरेंट संचालकों की प्रतिक्रिया

कोरोनाकाल में पिछली बार नुकसान हुआ, लेकिन फरवरी में अनुबंध होने पर लगा अब जिंदगी पटरी पर लौटेगी। लेकिन, दोबारा हालात बिगड़ने से कारोबार लड़खड़ाया है।

-अखिलेश। संक्रमण बढ़ने से हर कोई सतर्कता बरत रहा है। ऐसे में सफर के दौरान भोजन का आर्डर करने से भी यात्री परहेज कर रहे हैं। हमें व्यापार में नुकसान हो रहा है।

- बलजीत सिंह कोहली। शुरुआत तो अच्छी हुई। फिर धीरे-धीरे आर्डर मिलने कम हो गए। अब हालत यह है कि खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। पिछली बार भी नुकसान उठाना पड़ा था।

- प्रदीप।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.