Move to Jagran APP

जेल में फांसी लगाने वाले बंदी का मिला सुसाइड नोट, जानिए क्या है लिखा Prayagraj news

नवाबगंज के जूड़ापुर में हुए दुष्कर्म और सामूहिक हत्या के आरोप में नीरज जेल में बंद था। बुधवार को उसने गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद स्वजनों ने फाफामऊ घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 07:20 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 07:20 AM (IST)
जेल में फांसी लगाने वाले बंदी का मिला सुसाइड नोट, जानिए क्या है लिखा  Prayagraj news
नीरज ने अपनी मौत का जिम्मेदार सोरांव निवासी जितेंद्र मौर्या को ठहराया है।

प्रयागराज, जेएनएन। सेंट्रल जेल नैनी में फांसी लगाकर जान देने वाले विचाराधीन बंदी नीरज मौर्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। गुरुवार को जब जेल कर्मचारियों ने उसकी बैरक में रखे सामान को निकाला तो एक सुसाइड नोट मिला। इसमें नीरज ने अपनी मौत का जिम्मेदार सोरांव निवासी जितेंद्र मौर्या को ठहराया है। इस पूरे मामले में जेलर धर्मपाल सिंह की तहरीर पर नैनी पुलिस ने मुकदमा कायम किया है।

loksabha election banner

बड़े भाई ने कहा, नीरज की नहीं है लिखावट

उधर, नीरज के बड़े भाई महेंद्र का कहना है कि सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग नीरज की नहीं है। वह बड़े-बड़े अक्षर में लिखता था। हस्ताक्षर भी हिंदी में करता था। जेल में रहते हुए नीरज ने पहले भी कई बार पत्र भेजा था, जिससे सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग का मिलान नहीं हो रहा है। महेंद्र का यह भी आरोप है कि जेल में जितेंद्र को परेशान किया गया था। उसकी जल्द ही जमानत होने वाली थी। ऐसे में वह आत्मघाती कदम नहीं उठा सकता है। पोस्टमार्टम के दौरान सुसाइड नोट की जानकारी दी गई थी, जबकि वह लोग रात से ही अस्पताल में थे। जेल अधिकारियों का कहना है कि जितेंद्र मौर्या भी एक मामले में जेल में बंद था और वर्ष 2018 में बाहर गया था। भाई महेंद्र ने बताया कि जितेंद्र के कहने पर ही उन्होंने वकील किया था, जो नीरज का केस लड़ रहे थे।

नवाबगंज के जूड़ापुर में हुए दुष्कर्म और सामूहिक हत्या के आरोप में नीरज जेल में बंद था। बुधवार को उसने गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।  गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद स्वजनों ने फाफामऊ घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया।

यह लिखा है सुसाइड नोट में -

 'मम्मी-पापा। आज मैं इस दुनिया को छोड़कर जा रहा हूं। मेरी मौत का जिम्मेदार जितेंद्र मौर्या पुत्र केदारनाथ ग्राम सरायगोपाल थाना सोरांव जनपद प्रयागराज का रहने वाला है। जिसके कारण मैंने आज ऐसा कदम उठाया है। उन्होंने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। मुझे धोखा दिया है, जिससे मैं इतने दिन से जेल में पड़ा था। यहां पर मुझे कोई परेशान नहीं किया। मैं सिर्फ जितेंद्र के कारण आत्महत्या किया हूं। मम्मी-पापा, जितेंद्र को छोडऩा नहीं। इसे जेल भेजवाकर ही छोडऩा। जितेंद्र के कारण मैने ऐसा किया हूं।

आपका बेटा नीरज मौर्या जेल से।

जेल अधिकारी का बयान

वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय का कहना है कि जेल में फांसी लगाकर जान देने वाला नीरज मौर्या सर्किल नंबर चार के कार्यालय में लिखापढ़ी का काम करता था। वहां से भी उसे कागज पेन मिलता था और कैंटीन में भी कागज पेन मिलता था। बंदी के सामान की जांच में सुसाइड नोट मिला है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.