माघ मेलाः दंडी संन्यासी गंगा को बांधमुक्त करने के लिए छेड़ेंगे आंदोलन
दंडी संन्यासियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर गंगा को निर्मल करने की मांग की। साथ ही गंगा निर्मलीकरण के लिए उन्हें बांधमुक्त करने का सुझाव दिया है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। त्याग, तपस्या व समर्पण का केंद्र माघ मेला संगम तट पर जल्द आबाद हो जाएगा। दो जनवरी पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ गंगा की रेती पर लाखों श्रद्धालु काया कल्प को कल्पवास करेंगे। विडंबना देखिए कि जिस गंगा जल का पान, स्नान श्रद्धालुओं को करना है, उसमें अधिकतर जगह घुटने तक ही पानी है। मेला क्षेत्र पहुंचे संत अत्यंत आहत हैं। दंडी संन्यासियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर गंगा को निर्मल करने की मांग की। साथ ही गंगा निर्मलीकरण के लिए उन्हें बांधमुक्त करने का सुझाव भी दिया है।
गंगाजल काला होना सरकार की नाकामी
गंगोली शिवालय मार्ग स्थित चरखी दादरी शिविर में रविवार को दंडी संन्यासियों की अहम बैठक हुई। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि गंगा जल काला होना सरकार की नाकामी बता रहा है क्योंकि केंद्र व राज्य सरकार गंगा निर्मलता का दम भर रही है। महामंत्री ब्रह्माश्रम ने कहा कि गंगा जल काला होना चिंताजनक है। हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन देकर गंगा बांधमुक्त करने की मांग की है। अगर सरकार न चेती तो संत आवाज उठाने को मजबूर होंगे। कुछ ऐसी ही नाराजगी स्वामी शंकराश्रम ने व्यक्त की और कहा कि गंगा के लिए ही माघ मेला लगता है। उन्हीं गंगा की स्थिति दयनीय है। स्थिति न सुधरी तो पौष पूर्णिमा स्नान का बहिष्कार कर सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ देंगे।
दंडी संन्यासियों की मांग
- गंगा को बांधमुक्त करके उसमें नियमित पानी छोड़ा जाए।
- गंगा में गिर रहे नालों को पूरी तरह से बंद करें।
- फैक्ट्री व टेनरियों का पानी गंगा में गिराने वालों को उम्रकैद हो।
- घाटों के किनारे पौधरोपण किया जाए।