Allahabad University के छात्र प्रोन्नत किए जाने के फैसले से असंतुष्ट हैं, जानें- उनके खिलाफत की क्या है वजह
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र शिवांश तिवारी कहते हैं कि भागना इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रकृति है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों की नहीं। शहीद लाल पद्मधर के वंशजों की परंपरा समस्याओं को सीना दिखाने की रही है। पीठ दिखाने की नहीं।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) समेत संघटक कॉलेजों के तमाम छात्र प्रोन्नत किए जाने के फैसले से असंतुष्ट हैं। उन्होंने इसका वजह भी बताया है। यही नहीं इसके लिए अब मोर्चा भी खोल दिया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोरोना वायरस संक्रमण का हवाला देकर विश्वविद्यालय और इसके संघटक कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को प्रोन्नति दे दी थी। इसके लिए परीक्षा समिति की बैठक हुई थी।
शिवांग बोले- कक्षोन्नति का पक्षधर नहीं और न परीक्षा से भाग रहा
इविवि के छात्र शिवांश तिवारी कहते हैं कि भागना इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रकृति है। इविवि के छात्रों की नहीं। शहीद लाल पद्मधर के वंशजों की परंपरा समस्याओं को सीना दिखाने की रही है। पीठ दिखाने की नहीं।
परीक्षा समिति की बैठक पर उठाया सवाल
शिवांश का कहना है गत मंगलवार को कुलपति की अध्यक्षता में परीक्षा पर 'सत्र नियमित करने के उद्देश्य से ' ऑनलाइन बैठक की गई। निर्णय लिया गया कि अंडर ग्रेजुएट प्रथम वर्ष और पोस्ट ग्रेजुएट और प्रोफेशनल फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा होगी। यूजी सेकेंड और थर्ड ईयर के साथ सभी सेमेस्टर के छात्र प्रमोट होंगे (फाइनल सेमेस्टर को छोड़ कर)। पुनःश्च निर्णयों में कुछ सुधार करते हुए कहा जाता है कि प्रथम सेमेस्टर वालों को भी परीक्षा देनी होगी और यह परीक्षा चतुर्थ/अंतिम सेमेस्टर वालों के साथ जुलाई/अगस्त में आयोजित की जाएगी। सवाल किया है कि प्रवेश के 7-8 महीने बाद प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा, अंतिम/चतुर्थ सेमेस्टर के साथ कराने से सत्र कैसे नियमित होगा?
फार्मूले को लेकर असमंजस में छात्र
उनका कहना है प्रश्न यह भी है कि स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र जो कक्षोन्नत हुए थे, उन्हें किस पूर्व कक्षा के आधार पर अंक देकर कक्षोन्नत किया जायेगा? जब सभी को कक्षोन्नत किया जा रहा है तो स्नातक/परास्नातक प्रथम वर्ष/सेमेस्टर के छात्रों को क्यों नहीं?
शैक्षणिक कैलेंडर पर भी सवाल
पत्र में शिवांश का कहना है कि विश्वविद्यालय के शैक्षिक कैलेंडर में 31 अक्टूबर 2020 तक प्रवेश प्रक्रिया संपन्न कराने की बात की गई एवं 26 मार्च 2021 तक प्रथम सेमेस्टर पूर्ण करा लेने की बात की गई है। निर्धारित समय पर पाठ्यक्रम समाप्त हो सके, इसके लिए पाठ्यक्रमों में 30 फीसद की कटौती की गई एवं ऑनलाइन माध्यम से अध्ययन और परीक्षा का आदेश भी जारी हुआ ।
स्थगित कर दी गईं परीक्षाएं
कुछ विभागों ने परास्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा की तिथि 20 मार्च 2021 से घोषित की। इस पर परीक्षा नियंत्रक ने पुर्नविचार हेतु कमेटी का आवाह्न किया। नौ अप्रैल 2021 को विश्वविद्यालय में कुछ कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के कारण कुलसचिव द्वारा ऑनलाइन परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया।
इन विश्वविद्यालय का भी जानिए हाल
दिल्ली विश्वविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय और गोरखपुर विश्वविद्यालय समेत कई केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालय प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा अप्रैल में संपन्न कराने के बाद जुलाई में द्वितीय सेमेस्टर कराने की तैयारी कर रहे हैं। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय जुलाई-अगस्त में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा कराकर 'सत्र नियमित' करने की तैयारी में है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन से उन्होंने अपील किया है कि परास्नातक प्रथम सेमेस्टर के छात्रों को कक्षोन्नत कर द्वितीय सेमेस्टर की कक्षाएँ प्रारंभ कराई जाए और सभी सेमेस्टर की परीक्षाएं एक साथ जुलाई-अगस्त के महीने में आयोजित कराई जाएं। इसके अलावा स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को भी पिछले वर्ष की भांति कक्षोन्नत किया जाए और उनका अगला सत्र जुलाई माह से ही प्रारम्भ किया जाए।