अभी तो शुद्ध हवा मिल रही, Lockdown के बाद प्रदूषण न बढ़ने को उठाने होंगे कदम Prayagraj News
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में शहरवासियों को अभी तो साफ हवा मिल रही है। हालांकि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद प्रदूषण न बढ़े इसके लिए प्रयास करने होंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। लॉकडाउन में शहर का वायु प्रदूषण समाप्त हो गया है। जहरीला धुआं उगलने वाली सवारी गाड़ियां न चलने और सड़क किनारे की धूल न उड़ने से प्रदूषण न के बराबर है। शहरवासी साफ हवा ले रहे हैं। अब लोगों को इसकी आदत पड़ गई है। इसलिए लॉकडाउन समाप्त होने पर भी साफ हवा की दरकार रहेगी। इसके लिए जिला प्रशासन को कठाेर कदम उठाने पड़ेंगे, नहीं हो शहरवासी फिर से ढाई साल का पुराना दंश झेलेंगे।
शहरवासी जहरीली हवा में जी रहे थे
संगम नगरी में पिछले साल कुंभ मेला था, इसलिए उसके एक साल पहले से यहां पर तमाम निर्माण कार्य शुरू हो गए थे। सड़कें, पुल और चौराहों का निर्माणा कार्य होने के कारण शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक धूल ही धूल उड़ रही थी। कुंभ मेले से पहले नगरी क्षेत्र में चल रही डीजल युक्त सवारी गाड़ियों को बाहर किया जाना था, जो काम आज तक पूरा नहीं हो पाया है। इसके कारण शहर में प्रदूषण का स्तर मानक से तीन गुना अधिक हो गया था। शहरवासी जहरीली हवा में जी रहे थे। वायु प्रदूषण के मानक के अनुसार पीएम-10 (पार्टिकुलेट मैटर या धूल कण) 100 होना चाहिए। वह तीन सौ के आंकड़े को भी पार कर गया था। लॉकडाउन से पहले यह आंकड़ा औसत दो सौ तक था। 22 मार्च के बाद इसमें तेजी से गिरावट आइ।
प्रदूषण पर अंकुश नहीं लगा तो शहर की फिजा में फिर घुल जाएगा जहर
डीजल वाली सवारी गाड़ियां न चलने, सड़क और चौराहों पर पानी के छिड़काव हाेने पर शहर में प्रदूषण कम हो गया। अब पीएम-10 20 से 30 के बीच रहता है। वायु प्रदूषण न होेने पर सांस के रोगियों को तकलीफ नहीं हो रही है। सभी लोग साफ हवा ले रहे हैं। अब लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाने पर मंथन चल रहा है। इसलिए वायु प्रदूषण फिर बढ़ेगा। अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो शहर की फिजा में जहर नहीं घुल पाएगा।
खास बातें जानने योग्य
05 जगह शहर में लगा है प्रदूषण मापने का यंत्र
-05 दिन लिया जाता है प्रदूषण का सैंपल
-02 जगह रेलवे ने लगा रखा है एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग बोर्ड
-370 पीएम-10 तक गया है प्रदूषण का सबसे अधिक स्तर।
बोले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रयागराज के क्षेत्रीय अधिकारी जेबी सिंह कहते हैं कि शहर में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण डीजल युक्त सवारी गाड़ियां हैं। अगर इनके संचालन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग जाए हो संगम नगरी में मानक से अधिक प्रदूषण नहीं होगा। यह बहुत बड़ा काम भी नहीं है।
एमएनएनआइटी के सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष ने कहा
एमएनएनआइटी के सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरसी वैश्य बोले कि कुंभ मेले के दौरान सड़क के किनारे पत्थर बिछाए गए थे, ताकि धूल कम उठे। अन्य शहरों में जहां पर प्रदूषण कम है, वहां पर यह काम पहले ही हो चुका है। प्रयागराज इसमें पिछड़ा है। इसलिए यहां प्रदूषण ज्यादा है।
अलग-अलग दिन प्रदूषण का स्तर
-170 पीएम-10 पांच मार्च को
-150 पीएम-10 12 मार्च को
-75 पीएम-10 19 मार्च को
-53 पीएम-10 26 मार्च को
-37 पीएम-10 तीन अप्रैल को
-26 पीएम-10 13 अप्रैल को।