जहरीली शराब से मौतों के बाद अफसरों पर सख्त कार्रवाई कर दिया कड़ा संदेश, आबकारी के कई और अधिकारी निशाने पर
आबकारी विभाग शराब का अवैध कारोबार रोकने का दम जरूर भरता रहा है। लेकिन उसका जमीनी स्तर पर प्रभाव नजर नहीं आया। यही कारण है कि हर जिले में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। अलीगढ़ की घटना के बाद शासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।
प्रयागराज, जेएनएन। अलीगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावटी शराब पीने से मरने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इस घटना पर शासन ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आबकारी आयुक्त को हटा दिया है, जबकि संयुक्त आबकारी आयुक्त, आगरा जोन, उप आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी सहित कई को निलंबित किया गया है। इसके जरिए शासन ने सख्त संदेश दिया है कि काम में शिथिलता बरतने वालों को किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के हर जिले के अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा चल रही है। हर जिले में कार्य में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
हर जिले में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा
आबकारी विभाग शराब का अवैध कारोबार रोकने का दम जरूर भरता रहा है। लेकिन, उसका जमीनी स्तर पर प्रभाव नजर नहीं आया। यही कारण है कि हर जिले में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। अलीगढ़ की घटना के बाद शासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। जिला स्तर पर हर अधिकारी व कर्मचारियों के कार्य, उनके संपर्क की समीक्षा चल रही है। किस क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार अधिक है? उसे रोकने के लिए क्या कार्रवाई हुई? कार्रवाई में कौन से अधिकारी की क्या भूमिका थी? उसकी पड़ताल हो रही है। वहीं, एक जिले में दो से तीन साल तक कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों का स्थान बदलने की तैयारी है। इसके लिए युद्ध स्तर पर समीक्षा चल रही है।
एक दिन में 102 व्यक्ति गिरफ्तार
प्रदेश में अवैध शराब बनाने, बिक्री व तस्करी रोकने के लिए आबकारी विभाग विशेष प्रवर्तन अभियान चला रहा है। इसके तहत 31 मई को प्रदेशभर में छापामारी की गई। अभियान के दौरान 351 मुकदमे दर्ज किए गए। जबकि 102 व्यक्तियों को गिरफ्तार करके उनसे दो वाहन जब्त किया गया। प्रदेशभर में 6,843 लीटर अवैध शराब बरामद करके 39,390 किलोग्राम लहन नष्ट कराई गई।