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बाढ़ से राहत और बचाव के लिए बनाई रणनीति Prayagraj News

जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम के साथ समन्वय बनाकर यह टीम काम करेगी। बाढ़ राहत दल के पीएसी प्रभारी विलास यादव ने बताया कि बाढ़ की स्थिति अगस्त में ही रहती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 06:24 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 06:24 PM (IST)
बाढ़ से राहत और बचाव के लिए बनाई रणनीति Prayagraj News
बाढ़ से राहत और बचाव के लिए बनाई रणनीति Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन।  बाढ़ के खतरे को देखते हुए बचाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल) वाराणसी यूनिट की टीम के साथ बैठक कर कई बिंदुओं पर चर्चा की। राहत और बचाव कार्य को लेकर रणनीति भी बनाई। बाढ़ से जो इलाके प्रभावित होते हैं, वहां अभी से नजर रखने को भी कहा है।

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एनडीआरएफ टीम ने बाढ से प्रभावित होने वाले इलाकों का किया दौरा

पिछले वर्ष बाढ़ के प्रभाव को देखते हुए प्रशासन सतर्क है। इसी के चलते इस बार बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ की टीम को पहले ही बुला लिया है। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एसएस साजवान, कमांडर जगदीश राणा के साथ राहत एवं बचाव कार्य पर मंथन के दौरान कहा कि एनडीआरएफ की टीम प्रशासन के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। बाढ़ का असर ज्यादातर बघाड़ा, छोटा बघाड़ा, सलोरी, नागवासुकी, पत्रकार कालोनी, नया पुरवा, बेली, दारागंज, राजापुर, गंगानगर आदि में होता है। ग्रामीण इलाके भी प्रभावित रहते हैं। इन इलाकों के लोगों के बचाव के लिए प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है।

फूलपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

एनडीआरएफ की टीम ने फूलपुर तहसील के बाढ़ संभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। टीम कमांडर जगदीश राणा और उनकी टीम ने फूलपुर तहसील के प्रभारी रमेश चंद्र पांडेय की अगुवाई में बदरा, सलोनी और हेटापट्टी गांव पहुंचे और बाढ़ प्रभावित इलाकों को देखा। रमेश चंद्र पांडेय ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए पुनर्वास केंद्रों की भी व्यवस्था की गई है।

प्रशिक्षित किए जा रहे हैं पीएसी के जवान

बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए जल पुलिस और एनडीआरएफ के अलावा पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) के 80 जवान तैनात किए जाएंगे। टीम को संगम किनारे सप्ताह भर से मोटर बोट चलाने, बाढ़ में फंसे लोगों, मवेशियों को बचाने, सामान सुरक्षित निकालने आदि के तरीके बताए जा रहे हैं। जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम के साथ समन्वय बनाकर यह टीम काम करेगी। बाढ़ राहत दल के पीएसी प्रभारी विलास यादव ने बताया कि बाढ़ की स्थिति अगस्त में ही रहती है। इस बार जवानों को खुद सुरक्षित रहते हुए लोगों को कैसे बाहर निकालेंगे, इसका विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। मोटर बोट, नाव चलाने की प्रशिक्षण अंतिम चरण में है।


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