आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े कदम, ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराने को नियुक्त की गई सखी
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन की ओर से सभी ग्राम पंचायतों में बीसी (बिजनेस कारेसपांडेट) सखी की तैनाती की गई है। बीसी सखी के पद पर तैनात महिलाओं को प्रतिमाह चार हजार रुपये राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से दिया जाएगा।
प्रयागराज, जेएनएन। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन की ओर से सभी ग्राम पंचायतों में बीसी (बिजनेस कारेसपांडेट) सखी की तैनाती की गई है। बीसी सखी के पद पर तैनात महिलाओं को प्रतिमाह चार हजार रुपये राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से दिया जाएगा। यह महिलाएं समूह व बैंक के मध्य सेतु की तरह काम करेंगी। इन महिलाओं के चरित्र का सत्यापन पुलिस विभाग कर रही है। सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के इनको जिम्मेदारी दी जाएगी।
मार्च के आखिर में बीसी सखियों को दिया जाएगा प्रमाण पत्र
जिले में 17 ब्लाक हैं। इसमें सदर, मानधाता, संडवा चंद्रिका, गौरा, बिहार, मंगरौरा, आसपुर देवसरा, रामपुर संग्रामगढ़ सहित अन्य ब्लाक शामिल है। इन ब्लाकों के अंतर्गत 1193 ग्राम पंचायतें हैं। जिले भर की एक हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में बीसी सखी की तैनाती हुई है। पहले फेज में सदर, मानधाता व बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक की ग्राम पंचायतों में चयनित बीसी सखी को एक संस्था द्वारा ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अब उनके चरित्र का पुलिस विभाग से सत्यापन हो रहा है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद इन सभी को कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। इसके बाद से यह ग्राम पंचायतों में काम करना शुरू कर देंगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विभाग के जिला मिशन प्रबंधक रतन कुमार मिश्रा ने बताया कि जिन ब्लाकों की ग्राम पंचायतों में बीसी सखी की ट्रेनिंग हो चुकी है, उनको पुलिस विभाग द्वारा वेरीफिकेशन कराया जा रहा है।
भुगतान के बाद मिलेगा कमीशन
ग्रामीणों को अगर अपने खाते से पैसा निकालना है तो वह बीसी सखी के पास जाएंगे और बीसी सखी आधार नंबर से उनके खाते से निर्धारित राशि निकालकर उसका खाता धारक को दे देंगे। इसके लिए बीसी सखी को कमीशन भी मिलेगा। इसके एवज में उनको निर्धारित कमीशन भी दिया जाएगा।