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64 टन वजनी श्री हनुमान की प्रतिमा का गंगाजल से अभिषेक हुआ, भीलवाड़ा से प्रयागराज पहुंची है Prayagraj News

बांध स्थित लेटे श्री हनुमान के मंदिर में गुरुवार की रात में राजस्‍थान के भीलवाड़ा से ले आई गई प्रतिमा को रखा गया है। गंगाजल से इस विशाल प्रतिमा का मंत्रोच्‍चार के बीच अभिषेक हुआ।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 09:06 AM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 01:50 PM (IST)
64 टन वजनी श्री हनुमान की प्रतिमा का गंगाजल से अभिषेक हुआ, भीलवाड़ा से प्रयागराज पहुंची है Prayagraj News
64 टन वजनी श्री हनुमान की प्रतिमा का गंगाजल से अभिषेक हुआ, भीलवाड़ा से प्रयागराज पहुंची है Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से संगम स्नान के लिए निकली 64 टन वजन की श्री हनुमान मूर्ति यात्रा 18 वें दिन गुरुवार की रात में प्रयागराज पहुंची। शुक्रवार की सुबह बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर परिसर में रखी गई प्रतिमा का गंगाजल से महास्नान कराया गया। वैदिक मंत्रोच्‍चार के बीच गंगाजल, दूध और दही से अभिषेक के दृश्‍य को देखने के लिए सैकड़ों की संख्‍या में वहां श्रद्धालु मौजूद रहे। अभिषेक व पूजन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष स्‍वामी नरेंद्र गिरि व यात्रा लेकर आए महंत बाबू गिरि ने किया।

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पूजन-अर्चन के लिए उमड़ पड़े भक्‍त

हालांकि प्रतिमा के वजन को देखते हुए इसे संगम घाट पर न ले जाने का निर्णय लिया गया। प्रतिमा को बांध स्थित लेटे श्री हनुमान की प्रतिमा के बगल में रात्रि विश्राम कराया गया। इस दौरान वहां मौजूद मंदिर के पुजारियों व सेवादारों की भीड़ ने पूजन-अर्चन किया।

भीलवाड़ा के हनुमान जी ने कहा...मुझे प्रयाग ले चलो

राजस्थान के भीलवाड़ा से प्रयागराज लाए गए श्री हनुमान की प्रतिमा की यात्रा लेकर आए महंत बाबू गिरि ने बताया कि यह श्री हनुमान की इच्छा पर ही हुआ है, क्योंकि उन्होंने सपने में आदेश दिया था कि मुझे प्रयागराज ले चलो। इसके बाद ही हनुमान जी की 28 फुट लंबी व 54 टन वजनी प्रतिमा को संगम स्नान कराने का संकल्प लिया गया था। फल-फूल अर्पित करने के बाद बंधवा श्री हनुमान के चरणों का सिंदूर अर्पित किया गया फिर महाआरती हुई। बताया कि एक माह में यात्रा पूरी करने का संकल्प है, अगले एक सप्ताह में भीलवाड़ा वापस पहुंच जाएंगे तो वह भी पूरा हो जाएगा क्योंकि नौ फरवरी को यात्रा की शुरुआत की थी। कल यानी शनिवार को प्रतिमा लेकर वह वापस लौटेंगे।

लेटे अवस्था में होगी प्राण प्रतिष्ठा

श्री हनुमान की प्रतिमा लेटी अवस्था में भीलवाड़ा में प्रतिष्ठापित की जाएगी। महंत बाबू गिरि ने कहा कि प्रतिमा अभी तक सुरक्षित रखी थी अब गंगा स्नान हो गया है। वापस ले जाकर हनुमान जी को मंदिर परिसर में स्थापित करेंगे।

जगह-जगह होते हुए प्रतिमा प्रयागराज पहुंची

संकट मोचन मंदिर भीलवाड़ा के महंत बाबू गिरि ने बताया कि श्री हनुमान की प्रतिमा को प्रयाग में संगम स्नान कराने का संकल्प लिया गया था। पूजन, हवन कराकर यात्रा की रवानगी नौ फरवरी को हुई थी। यात्रा नागदौरा, उदयपुर, चित्तौडग़ढ़, विजौलिया, कोटा, बारा, शिवपुरी, झांसी, कानपुर और फतेहपुर जिला होते हुए प्रयागराज लाई गई। बताया कि आने और आने में कुल 2100 किमी की दूरी तय होगी। प्रतिमा पत्थर की एक ही शिला से निर्मित है। यह 28 फीट लंबी और 12 फीट चौड़ी प्रतिमा है।

प्रतिमाओं के मिलन का दुर्लभ संयोग

इसे दुर्लभ संयोग ही कहेंगे कि बंधवा स्थित लेटे श्री हनुमान के ठीक बगल में 28 फीट लंबे एक और श्री हनुमान ने रात्रि विश्राम किया। हालांकि दोनों प्रतिमाओं की कोई तुलना नहीं है लेकिन नजारा अदभुत और अविस्मरणीय ही रहा।

स्वामी नरेंद्र गिरि करेंगे पूजन

भीलवाड़ा से लाए गए हनुमान जी का शुक्रवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि पूजन करेंगे। संगम से जल लाकर श्री हनुमान की प्रतिमा को वहीं पर स्नान कराया जाएगा, जहां उन्हें रात्रि विश्राम कराया गया।

40 लोगों की निगरानी में उठी प्रतिमा

महंत बाबू गिरि ने बताया कि इस प्रतिमा को 60 फीट लंबे ट्राला पर रखने के लिए आठ घंटे लग गए। इस कार्य में पूरी सावधानी बरती गई और 40 लोगों की निगरानी में क्रेन से प्रतिमा उठाई गई।


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