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State University: प्रयागराज मंडल के 25 कालेजों में पीएचडी का रास्ता साफ, अगले सत्र से होगा दाखिला

पहले चरण में पीएचडी के लिए इन 25 कालेजों के शिक्षकों में गाइड की तलाश शुरू हो गई है। इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। आफलाइन मोड में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 22 फरवरी तय की गई है। आवेदकों के लिए तीन न्यूनतम अर्हता तय की गई।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 01:59 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 01:59 PM (IST)
State University: प्रयागराज मंडल के 25 कालेजों में पीएचडी का रास्ता साफ, अगले सत्र से होगा दाखिला
राज्य विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से पीएचडी में मिलेगा दाखिला

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध मंडल के चारों जनपदों (प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़) के 25 कालेजों में अब पीएचडी का रास्ता साफ हो गया है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 से इन कालेजों में छात्र-छात्राओं को पीएचडी में प्रवेश दिया जा सकेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय गाइड की तलाश में जुट गया है।

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कुलपति डाक्टर अखिलेश सिंह ने बताया कि अब मंडल के 25 कालेजों को पीएचडी के लिए हरी झंडी दे दी गई है। पहले चरण में मंडल के सभी राजकीय और वित्तपोषित कालेजों में पीएचडी कराई जा सकेगी। प्रयागराज में तीन राजकीय और चार वित्तपोषित, कौशांबी में एक राजकीय और एक वित्तपोषित, फतेहपुर में तीन राजकीय और दो वित्तपोषित तथा प्रतापगढ़ में चार सरकारी और सात वित्तपोषित कालेज हैं। यहां पीएचडी शुरू होने के बाद वित्तविहीन कालेजों में भी जल्द पीएचडी को मंजूरी दे दी जाएगी।

अब गाइड की तलाश में जुट गया विश्वविद्यालय प्रशासन

पहले चरण में पीएचडी के लिए इन 25 कालेजों के शिक्षकों में गाइड की तलाश शुरू हो गई है। इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। आफलाइन मोड में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 22 फरवरी तय की गई है। आवेदकों के लिए तीन न्यूनतम अर्हता तय की गई है। राजकीय कालेज का नियमित शिक्षक होने के साथ पीएचडी की अनिवार्यता की गई है। इसके अलावा असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर के लिए न्यूनतम दो रिसर्च संदर्भित जर्नल में प्रकाशित होना चाहिए। जबकि, प्रोफेसर के पांच रिसर्च पेपर प्रकाशित होना चाहिए। असिस्टेंट प्रोफेसर चार एसोसिएट प्रोफेसर छह और प्रोफेसर आठ लोगों को शोध करा सकता है।

10 विषयों में कर सकेंगे पीएचडी

कुलपति डा. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में उन्हीं 10 विषयों में पीएचडी शुरु कराया जाएगा, जिन परास्नातक विषयों की पढ़ाई परिसर में हो रही है। वर्तमान में विश्वविद्यालय में हिंदी, संस्कृत, प्राचीन इतिहास, भूगोल, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, दर्शनशास्त्र, रक्षा एवं अध्ययन और वाणिज्य में परास्नातक की पढ़ाई हो रही है।ऐसे में अभी इन्हीं 10 विषयों से पीएचडी कराई जाएगी।


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