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स्वयं के घर से करें पर्यावरण संरक्षण की पहल : डॉ. द्विवेदी

राष्ट्रीय रामायण मेला के चौथे दिन शनिवार को बायोवेद कृषि एवं प्रौद्योगिकी शोध संस्थान द्वारा आयोजित कृषि और ग्रामीण एवं पर्यावरण संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 11:29 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 11:29 PM (IST)
स्वयं के घर से करें पर्यावरण संरक्षण की पहल : डॉ. द्विवेदी
स्वयं के घर से करें पर्यावरण संरक्षण की पहल : डॉ. द्विवेदी

श्रृंगवेरपुर : राष्ट्रीय रामायण मेला के चौथे दिन शनिवार को बायोवेद कृषि एवं प्रौद्योगिकी शोध संस्थान द्वारा आयोजित कृषि और ग्रामीण एवं पर्यावरण संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। बायोवेद कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान शोध संस्थान के निदेशक डॉ.वीके द्विवेदी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की पहल स्वयं द्वारा अपने घर से प्रारंभ करनी होगी। मानव मस्तिष्क प्रदूषण के दिन प्रतिदिन बढ़ने का कारण बाहरी प्रदूषण का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। डॉ.द्विवेदी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के त्रेता युग में निषाद राज से मिलकर यह संदेश दिया था कि विकास की गति निचले स्तर से प्रारंभ होकर ऊपर की ओर जाना चाहिए लेकिन पूर्व में विकास की गति ऊपर से नीचे की तरफ होने के कारण कृषि एवं ग्रामीण विकास की वांछित प्रगति नहीं हो पा रही है। वर्तमान समय में विकास की गति नीचे से ऊपर की तरफ प्रारंभ हो गई है। जिससे कृषि एवं ग्रामीण विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण की पहल द्रुतगति से प्रारंभ है। वैज्ञानिक डॉ.कुमुद शुक्ला ने बताया कि कृषि एवं ग्रामीण के समन्वित विकास के लिए आवश्यकता पर पर्यावरण हितैषी संसाधन आधारित प्रौद्योगिकियों के प्रचार-प्रसार पर बल देना होगा। शोध वैज्ञानिक डॉ.मोहम्मद हाफिज ने बताया कि खेती में कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग सम्यक ढंग से न होने के कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कमी और पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ.रूद्रजय मिश्रा ने बताया कि पेड़ पौधों की संख्या में रोज कमी होने के कारण वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है, जिसके कारण वैश्विक तापमान बढ़ता जा रहा है। डॉ.हिमांशु द्विवेदी ने इस बात पर बल दिया कि प्रत्येक मानव को जीवन निर्वाह के लिए 15 किलो ऑक्सीजन प्रतिदिन चाहिए और वर्ष भर में उत्सर्जित चार टन कार्बन डाइऑक्साइड को शोषित करने के लिए कम से कम चार पौधों का रोपण करना आवश्यक है। बायोवेद कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने पर्यावरण रैली एवं जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय लोगों के पर्यावरण एवं गंगा संरक्षण के विभिन्न उपायों के संदर्भ में जागृत किया। इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र भेंट कर पुरस्कृत किया गया। राष्ट्रीय रामायण मेला आयोजन समिति के महामंत्री उमेश द्विवेदी ने बायोवेद शोध संस्थान के वैज्ञानिकों का अंगवस्त्रम एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। प्रदर्शनी लगाकर निश्शुल्क मास्क और पौधे किए गए वितरित

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श्रृंगवेरपुर के रामायण मेला में निस्वार्थ पर्यावरण मित्र सेवा संस्थान मधेशा कंजिया ने विभिन्न प्रकार के पौधों की जहां प्रदर्शनी लगाई है। वहीं जरूरतमंदों को मुफ्त पौधे वितरित कर रहे हैं। इसी दौरान मुफ्त मास्क भी बांटा गया। पर्यावरण संरक्षण एवं जन जागरूकता रैली में संस्थान के अध्यक्ष नंदन सिंह, महामंत्री कर्मवीर, विकास मिश्रा, उदय राज मुख्य रूप से शामिल हुए। जागरूकता अभियान के तहत घाट की साफ सफाई में योगदान प्रदान किया।


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