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अपने ही डाक्टर की जान नहीं बचाई प्रयागराज के इस अस्पताल ने, मौत के बाद भी ऐसा किया कि परिवार नाराज

न्यू मम्फोर्डगंज निवासी डा. जेके मिश्रा अप्रैल 2021 में दूसरी लहर के दौरान संक्रमित हो गए थे। पत्नी रमा मिश्रा भी संक्रमित हुईं। इन दोनों को 14 अप्रैल की रात लेवल थ्री कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उनका निधन हो गया

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 11:17 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 11:17 AM (IST)
अपने ही डाक्टर की जान नहीं बचाई प्रयागराज के इस अस्पताल ने, मौत के बाद भी ऐसा किया कि परिवार नाराज
एसआरएन अस्पताल में डा. जेके मिश्रा की कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण से हो चुकी है मौत

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय प्रशासन ने अपने ही पूर्व वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. जगदीश कुमार मिश्रा का दो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। एक में उनकी भर्ती की तारीख 16 अप्रैल और दूसरे में 14 अप्रैल 2021 लिखी गई। स्व. जेके मिश्रा के बेटे अमरेश ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत एसएसपी को दिया और हाईकोर्ट में भी केस चलाने के लिए अर्जी दी है।

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पत्नी के साथ भर्ती कराया गया था अस्पताल में

न्यू मम्फोर्डगंज निवासी डा. जेके मिश्रा अप्रैल 2021 में दूसरी लहर के दौरान संक्रमित हो गए थे। पत्नी रमा मिश्रा भी संक्रमित हुईं। इन दोनों को 14 अप्रैल की रात लेवल थ्री कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अमरेश मिश्रा का कहना है कि डा. जेके मिश्रा की बीएचटी (बेड हेड टिकट) में इलाज का जो विवरण लिखा गया है वह झूठा है, पिता के इलाज में घोर लापरवाही की गई। आरोप है कि डाक्टरों ने उनका ब्लड प्रेशर और शुगर तक नहीं नापा। पूरे इलाज के दौरान उन्हें ड्रिप तक नहीं लगाई गई। बीएचटी में जिन दवाओं काे लिखा गया है वह डा. जेके मिश्रा को दी नहीं गईं। कहा कि अस्पताल प्रशासन ने मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड वार्ड में भर्ती 16 अप्रैल को शाम साढ़े चार बजे और मृत्यु सवा पांच बजे लिखी। एक अन्य मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया जिसमें डा. जेके मिश्रा की भर्ती 14 अप्रैल को दिखाई गई।

सांस उखड़ने लगी लेकिन नहीं लिया वेंटिलेटर पर, हटा दिया आक्सीजन सपो्र्ट भी

आरोप यह भी हैं कि सांस उखड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर की सुविधा नहीं दी गई और उन्हें आइसीसीयू में रैंप के रास्ते ले गए व आक्सीजन सपोर्ट भी हटा लिया। लेवल थ्री कोविड अस्पताल के तत्कालीन नोडल अधिकारी डा. मोहित जैन का कहना है कि अमरेश मिश्रा के सभी आरोप मनगढ़ंत हैं, पहले भी कई बार शिकायती पत्र दे चुके हैं और उसका जवाब भी दिया जा चुका है।


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