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संसद भवन के भूमि पूजन पर संगम नगरी से उठी लोकतंत्र जय जय करे.. की गूंज Prayagraj News

डॉ. अर्चना पांडेय प्रयागराज की निवासी हैं। वह डीआरडीएल (रक्षा मंत्रालय) हैदराबाद में सहायक निदेशक (राजभाषा) पद पर कार्यरत हैं। टीवी पर समाचार वाचक रेडिया पर उद्घोषक के रूप में कार्य कर चुकी हैं। अब तक करीब 300 से अधिक रचनाएं लोकगीत अवधी भोजपुरी व हिंदी में लिख चुकी हैं।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 11:10 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 11:10 AM (IST)
संसद भवन के भूमि पूजन पर संगम नगरी से उठी लोकतंत्र जय जय करे.. की गूंज Prayagraj News
डॉ. अर्चना पांडेय प्रयागराज की निवासी हैं। वह डीआरडीएल (रक्षा मंत्रालय) हैदराबाद में सहायक निदेशक (राजभाषा) पद पर कार्यरत हैं।

प्रयागराज,जेएनएन। नया संसद का भइल शिलान्यास, लोकतंत्र जय जय करें। आत्मनिर्भर भारत क विश्वास लोकतंत्र जय जय करे...। यह जय जय कार संगम नगरी से उठ रही है। भोजपुरी में लिखा यह लोकगीत इन दिनों इंटरनेट मीडिया खासकर यू ट्यूब व फेसबुक पेज पर धूम मचा रहा है। अपने भावों को शब्दों में पिरोया है प्रयागराज की कटरा निवासी डॉ. अर्चना पांडेय ने।

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लिखती हैं, उन्नत भारत विस्तृत नीती, सत्य सदा है एईजा जीती, खिले गेंदा, कमल, अरु पलास, लोकतंत्र जय जय करे...। इससे पहले उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय को लेकर नेहा सिंह राठौर के गाए गीत के जवाब में लोग गीत लिखकर व गाकर सुर्खियां बटोरी थी। इस गीत में उन्होंने लिखा था, जिसके दिल में गहरे राज, फिर भी है रंगीन मिजाज, जो है तीर्थ का सरताज वो प्रयागराज है। हां प्रयागराज है...। इसी गीत में संगम नगरी के अलग अलग मोहल्लों का उल्लेख कर उनसे जुड़ी खास बातों को भी उजागर किया जो लोगों को खूब रास आ रहा है। मसलन, शिव की कुटी मिटाए दोष, कंपनी बाग जगाए जोश, कितना अनुपम है अंदाज, ये प्रयागराज है, हां प्रयागराज है...।

डीआरडीएल में हैं सहायक निदेशक

डॉ. अर्चना पांडेय प्रयागराज की निवासी हैं। वह डीआरडीएल (रक्षा मंत्रालय) हैदराबाद में सहायक निदेशक (राजभाषा) पद पर कार्यरत हैं। टीवी पर समाचार वाचक, रेडिया पर उद्घोषक के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। अब तक करीब 300 से अधिक रचनाएं लोकगीत, अवधी, भोजपुरी व हिंदी में लिख चुकी हैं। लोक भाषा में गायन व लेखन के साथ ही विज्ञान लेखन में भी रुचि रखती हैं। हिंदुस्तानी एकेडमी की तरफ से रक्षा अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में विज्ञान लेखन नाम से पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। इसके साथ ही हाल ही में गुलमोहर नाम से काव्य संग्रह भी प्रकाशित हुई है।


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