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हेल्पलाइन नंबर के जरिए गैस सिलिंडर में लीकेज का समाधान Prayagraj News

मऊ में सिलेंडर हादसे की घटना के बाद अफसरों ने सक्रियता बढ़ा दी है। बताया कि पहली नवंबर से प्री डिलीवरी चेक अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान लोगों को बचाव के लिए तरीके बताए जाएंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 09:56 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 09:56 PM (IST)
हेल्पलाइन नंबर के जरिए गैस सिलिंडर में लीकेज का समाधान Prayagraj News
हेल्पलाइन नंबर के जरिए गैस सिलिंडर में लीकेज का समाधान Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन : रसोई गैस सिलिंडर में लीकेज हो तो तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1906 पर फोन करें। आइओसी के अधिकारियों का दावा है कि इस पर तत्काल रेस्पांस दिया जा रहा है, लेकिन ऐसी घटनाएं बहुत कम होती हैं।

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सोमवार को मऊ में सिलेंडर हादसे की घटना के बाद अफसरों ने सक्रियता बढ़ा दी है। बताया कि पहली नवंबर से प्री डिलीवरी चेक अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान लोगों को बचाव के लिए तरीके बताए जाएंगे।

सोमवार को मऊ में वलीदपुर कस्बे के बढ़ईटोला में गैस सिलिंडर में आग लगने से बड़ा हादसा हो गया था। उस हादसे के चलते 13 लोगों की मौत हो गई। आइओसी के अधिकारियों ने कहा कि इस हादसे से सबक लेने की जरूरत है। गैस का लीकेज न हो, अगर हो भी तो उसे तत्काल कंट्रोल किया जाए। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 1906 चल रहा है। इस पर किसी भी समय फोन किया जा सकता है।

सूचना पर तत्‍काल होगी कार्रवाई :

इस पर तत्काल कार्रवाई होती है। एलपीजी की सेल्स मैनेजर बीना सिंह ने बताया कि गैस लीकेज की सूचना आते ही सभी अफसरों के मोबाइल पर मैसेज आता है। एजेंसी को सूचित करते हुए टेक्नीशियन को मौके पर भेजा जाता है। पिछले हफ्ते जौनपुर से रात में गैस लीकेज की एक शिकायत आई थी, उसे कुछ देर में कंट्रोल किया गया। उन्होंने बताया कि हर फिलिंग पर सिलिंडर चेक होता है।

एजेंसी वाले नहीं करते हैं चेक :

समय-समय पर गैस एजेंसी की ओर से सिलिंडर की जांच होनी चाहिए। जांच के दौरान वह उपभोक्ता को सुरक्षा के तरीके भी बताते हैं। अगर घर में सिलिंडर खतरनाक तरीके से उपयोग हो रहा है तो उसे भी ठीक करते हैं, लेकिन वह जांच नहीं करते हैं। इसलिए हादसे की आशंका बनी रहती है।

गैस लीकेज हो तो क्या करें :

- हॉकर सिलिंडर लेकर आए तो उसका वेट और लीकेज चेक कराएं।

- लीकेज होने पर आसपास चिंगारी भी न होने दें।

- सिलिंडर से आग लगने पर घबराये नहीं, क्योंकि तुरंत उसमें विस्फोट नहीं होता है।

- देर तक जलने के बाद ही सिलिंडर गर्म होता है, तभी फटने की आशंका रहती है।

- लीकेज स्थल को अंगुली से दबाकर बंद करें और उसे खुले में ले जाए।

- सिलिंडर को किचन में खड़ा रखें।

- उपयोग न हो तो नॉब को बंद कर दें।


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