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आध्यात्म के जरिए पर्यावरण को बचाने की समाजसेवी कर रहे जुगत Prayagraj News

अगर ऐसे पौधे को रोपित किया जाए जो आस्‍था से पूजे जाते हैं तो शायद लोग उसकी देखभाल भी करेगा। कुछ इसी तर्ज पर गंगा गोमती सेवा संस्‍थान की ओर से भी किया जा रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 05:42 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 05:42 PM (IST)
आध्यात्म के जरिए पर्यावरण को बचाने की समाजसेवी कर रहे जुगत Prayagraj News
आध्यात्म के जरिए पर्यावरण को बचाने की समाजसेवी कर रहे जुगत Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। पर्यावरण के संरक्षण के लिए पेड़ों को बचाने को एक समाजसेवी ने विशेष पहल शुरू की है। वह धार्मिक आस्था से जुड़े नीम व पीपल समेत करीब आधा दर्जन पौधों को धर्म से जोड़ कर इनका संरक्षण कर रहा है। 1000 से अधिक पौधे अब तक वह लगा चुके हैं। उनके अलावा भी गांव के सैकड़ों लोग पेड़ों का संरक्षण कर रहे हैं।

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गंगा गोमती सेवा संस्थान ने की अनोखी पहल

पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि देश का हर व्यक्ति पौधरोपण करे। लोगों के बीच पौधों के संरक्षण को लेकर ललक जगाने और उनको संरक्षित करने की प्रेरणा देने के लिए गंगा गोमती सेवा संस्थान ने अनोखी पहल की है। वह उन पौधों का रोपण करती है जो धार्मिक आस्था से जुड़े हैं।

बोले संस्थान के अध्यक्ष

गंगा गोमती सेवा संस्थान के अध्यक्ष विनय पांडेय कहते हैं कि ङ्क्षहदू धर्म में पौधों का विशेष महत्व है। उनका मानना है कि कोई भी हिंदू धर्म से जुड़ा व्यक्ति बेल, पीपल, अशोक, बरगद व आंवला का पौधा नहीं काटता। यह हमारे संस्कार से जुड़ा है। उन्होंने इन पौधों को ही गांव-गांव लगाने का अभियान शुरू कर रखा है।

करीब एक हजार पौधे रोपे जा चुके हैं

ङ्क्षहदू धर्म में देवी देवता के रूप में पौधे भी पूजे जाते हैं। इन पौधों में पीपल, नीम, बरगद, के अलावा पंचपट पौधे शामिल हैं। समाजसेवी विनय पांडेय ने इन दिनों गांव में पीपल, बेल, वट, आंवला व अशोक की पंचवटी तैयार करने का अभियान शुरू कर रखा है। उनकी मानें तो पश्चिम दिशा में बरगद, दक्षिण में आंवले का पेड़ लगाना चाहिए। इसके अलावा पीपल व नीम के पौधे धर्म के अनुसर सही है। इनको रोपित करने के लिए गंगा के किनारे बसे गांवों में अभियान चलाया जा रहा है। बताया कि अब तक समिति ने करीब एक हजार पौधे रोपे हैं।

औषधि पौधे भी रोपा जाता है

गंगा गोमती सेवा समिति आस्था से जुड़े पौधों के अलावा औषधि गुणों से भरे पौधों को रोपने का काम करती है। इसमें गिलोय, नीम, आंवला, तुलसी आदि पौधों को लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है।


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