मौत के 20 साल बाद भी समाज कल्याण विभाग कर रहा पेंशन का भुगतान Prayagraj News
बकायदे मुर्दों के खाते में समाज कल्याण विभाग लगातार पेंशन भेज रहा है जबकि जरूरतमंद प्रतिदिन चक्कर लगा रहे हैं। एक महिला को तो दो तरह की पेंशन मिल रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। जी हां, यह सच है। आज जरूरतें इतनी बढ़ गई हैं कि परलोक सिधारने के 20 वर्ष बाद भी मुर्दे पेंशन के सहारे हैं। हालांकि यह सुविधा सिर्फ सिराथू विकास खंड के फतेहपुर बेला गांव के आधा दर्जन लोगों को ही नसीब हो रही है। बकायदे मुर्दों के खाते में समाज कल्याण विभाग लगातार पेंशन भेज रहा है जबकि जरूरतमंद प्रतिदिन चक्कर लगा रहे हैं। एक महिला को तो दो तरह की पेंशन मिल रही है।
दो दशक पहले स्वर्ग सिधारने की सूचना गांव के लोगों ने समाज कल्याण विभाग को दी थी लेकिन अब तक उनके नाम को हटाया नहीं गया। ग्रामीणों का कहना है कि पेंशन योजना के लिए कौन लोग पात्र हैं और कौन नहीं। इसकी जांच के लिए आज तक कोई गांव आया ही नहीं। नतीजतन जिनके नाम पूर्व में सूची में शामिल थे, वही चल रहे हैं। स्थिति यह है कि करीब 20 साल पहले जिन लोगों की उम्र 80 साल थी। आज भी उनकी उम्र सरकारी अभिलेखों में दर्ज है। समाज कल्याण अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि मामला गंभीर है, सोमवार को समाज कल्याण विभाग के सचिव को भेजकर जांच कराई जाएगी। इसके पीछे जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
पेंशन लेने वालों में यह शामिल:
फतेहपुर बेला गांव निवासी भोलानाथ पुत्र स्व. कामता प्रसाद की मौत 20 साल पहले हो चुकी, चमेली देवी पत्नी कृष्णनारायण की मौत करीब 25 साल पहले, जगपत देवी पत्नी धनराज की मौत 20 साल पहले मौत हो चुकी है। इसी प्रकार गांव के कंधई पुत्र भागवत प्रसाद ने करीब 20 साल पहले आत्महत्या कर ली थी। इन सभी के नाम पर पेंशन स्वीकृत थी। समाज कल्याण विभाग आज भी सभी के खाते में पेंशन भेज रहा है।
महिला के खाते में पहुंच रही दोहरी पेंशन:
फतेहपुर बेला गांव की सुंदरी देवी के नाम दो खाते हैं। उनके एक खाते में वृद्धा पेंशन तो दूसरे खाते में विधवा पेंशन आ रही है। यह मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया। इसके बाद भी अब तक इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई।