RSS: काशी प्रांत की 293 सेवा बस्तियों में किया जा रहा है संघ द्वारा सेवा कार्य
वर्तमान में काशी प्रांत के 26 जिलों के 1511 खंडों एवं 105 नगरीय क्षेत्रों के 1495 स्थानों पर कुल 2189 नियमित शाखा चल रही है। 226 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन शाखा जब कि 293 सेवा बस्तियों में शाखा की ओर से सेवा कार्य किए जा रहे हैं
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सिर्फ शाखाएं नहीं लगा रहा बल्कि सेवा कार्यों को भी विस्तार दे रहा है। यह संगठन सामाजिक परिवर्तन की ओर बड़े कदम उठा रहा है। इसकी बानगी कोरोना काल में सभी ने देखी। यह सिलसिला अब भी जारी है। यह बात काशी प्रांत के सह प्रांत संघ चालक अंगराज सिंह ने एक भेंटवार्ता में कही। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में संघ के स्वयंसेवकों ने सामाजिक सक्रियता बनाए रखी।
भगवा ध्वज को गुरु मानकर कर्तव्यपथ पर डटे है स्वयं सेवक
वर्तमान में काशी प्रांत के 26 जिलों के 1511 खंडों एवं 105 नगरीय क्षेत्रों के 1495 स्थानों पर कुल 2189 नियमित शाखा चल रही है। 226 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन शाखा जब कि 293 सेवा बस्तियों में शाखा की ओर से सेवा कार्य किए जा रहे हैं। प्रत्येक स्वयं सेवक त्याग, शौर्य, बलिदान के प्रतीक और हिन्दुत्व की पहचान भगवा ध्वज को गुरु मानकर कर्तव्यपथ पर डटा है। यही वजह है कि वर्ष में एक बार सभी स्वयंसेवक गुरु पूजन करते हैं। कोरोना संकट के बाद भी काशी प्रांत में 6057 स्थानों पर रिकार्ड 1,60,816 स्वयंसेवकों ने पूजन किया। आत्म परिवर्तन के साथ समाज परिवर्तन के लिए संघ क्रियाशील है। समाज में व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघ के गतिविधि आयाम, सामाजिक समरसता, सामाजिक सद्भाव, कुटुम्ब प्रबोधन, समग्र ग्राम विकास, गोसेवा, धर्मजागरण तथा पर्यावरण संवर्धन के लिए कार्य किए जा रहे हैं। इसका असर भी दिख रहा है। इस मौके पर प्रांत प्रचार प्रमुख डा. मुरारजी त्रिपाठी भी मौजूद रहे।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले चिंता का विषय
प्रयागराज : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले चिंता का विषय हैं। इस पर विश्व समुदाय की चुप्पी और गंभीर बात है। यह मामला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कर्नाटक के धारवाड़ में हुई तीन दिवसीय बैठक भी उठाया गया। यह जानकारी वहां से लौटने पर काशी प्रांत के सह प्रांत संघचालक अंगराज सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में दी। उन्होंने कहा कि संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर दुख जताने के साथ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया। भारत सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया गया जिससे हिंदू समाज के लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाया जा सके। सहप्रांत संघचालक ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समाज व मंदिरों पर हमला जारी है। यही वजह है कि हिंदू आबादी लगातार घट रही है। विभाजन के समय पूर्वी बंगाल में 28 प्रतिशत हिंदू थे। अब यह आंकड़ा आठ प्रतिशत रह गया है। संघ ने बांग्लादेश सरकार से भी मांग की है कि हिंदुओं पर हिंसा रोकने के लिए जल्द कदम उठाए जाएं। ऐसा न होने पर मानवाधिकार पर भी खतरा होगा।