कुंभ मेला-2019 : वॉल रडार और स्पास-15 गन के साथ स्नाइपर्स तैयार
प्रयागराज कुंभ मेला में एसएसजी और एटीएस तैनात हो चुकी है। तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ स्नाइपर्स वॉल रडार व स्पास 15 गन के साथ तैयार हैं।
फरहत खान, कुंभ नगर : प्रयागराज कुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं और विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के स्नाइपर्स ने मोर्चा संभाल लिया है। आतंकियों को ढेर करने के लिए स्नाइपर्स स्पास-15 गन और वॉल रडार लेकर मुस्तैद हो गए हैं। आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) के कमांडों ने भी कमान संभाल ली है। एनएसजी ने आतंकी हमलों के मद्देनजर मेला से एसआरएन अस्पताल, सर्किट हाउस और एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर मांगा था। टै्रफिक प्लान में ग्रीन कॉरिडोर को जगह दी गई है। इसके लिए 700 पुलिसकर्मियों की अलग से ड्यूटी होगी। इमरजेंसी अलर्ट पर ये पुलिसकर्मी भीड़ के बीच मुख्य मार्ग पर बैरिकेडिंग कर पैसेज निकाल देंगे।
एनएसजी-एटीएस के कमांडों ने संभाली कमान
सबसे बड़े धार्मिक मेले कुंभ में आतंकी हमलों के मद्देनजर नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) और आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) ने मुंबई के आतंकी हमलों से सबक लेते सिक्योरिटी प्लान तैयार किया है। एटीएस के 180 कमांडो ने मेला क्षेत्र और शहर में मोर्चा संभाल लिया है जबकि एनएसजी के 120 कमांडो (52 स्नाइपर्स) आतंकियों के किसी भी मंसूबे को नाकाम करने के लिए मुस्तैद हो गए हैं। एनएसजी ने पानी के रास्तों पर भी 24 घंटे सुरक्षा का खाका खींचा है। सभी घाटों पर एनएसजी के स्नाइपर्स विशेष तौर पर लगाए गए हैं। स्नाइपर्स स्टीमर और बोट से गश्त कर रहे हैं। गश्त 24 घंटे होगी, स्नाइपर्स की ड्यूटी बदलती रहेगी।
इस बार 28 के बजाय 37 स्नान घाट होंगे
मेले में अबकी बार 28 स्नान घाटों के बजाय 37 घाट बनाए जा रहे हैं। इसमें महज चार घाटों पर ही बोट चलेंगी। इसी के मद्देनजर इन चारों घाटों की सुरक्षा एनएसजी और एटीएस के हवाले होगी। घाटों के अलावा नए यमुना पुल, शास्त्री ब्रिज और फाफामऊ पुल पर भी कमांडों लगाए गए हैं। स्नान पर्वों पर स्नाइपर्स स्टीमर से पुलों के नीचे भी गश्त करेंगे।
स्नाइपर्स के हाथों में होगी स्पास-15 गन
यी खतरनाक गन हैं। इटली की बनी इस 12 बोर की गन का इस्तेमाल स्नाइपर्स दहशतगर्दों को निशाना बनाने के लिए करते हैं। इससे अंधेरे में भी किसी को शूट किया जा सकता है।
दीवार पर चिपकाने वाला वॉल रडार भी
दीवार पर चिपका देने वाले इस रडार की कीमत डेढ़ करोड़ रुपये है। स्नाइपर्स इसका इस्तेमाल आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के समय करते हैं। इसके जरिए दहशतगर्दों पर बंद कमरे में भी नजर रखी जा सकती है।