Move to Jagran APP

Smart City Pryagraj: अब स्ट्रीट लाइट्स आन-आफ करने का झंझट नहीं, ICCC से कंट्रोल होंगी

अब स्ट्रीट लाइट इंटिग्रटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आइट्रिपलसी) से नियंत्रित होंगी। यह सिस्टम लगने के बाद शाम को स्ट्रीट लाइट नहीं आन होने से सड़कों पर अंधेरा छाए रहने तथा सुबह सूरज की रोशनी में भी स्ट्रीट लाइन आफ नहीं किए जाने की शिकायत से भी निजात मिल जाएगी।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 06:12 PM (IST)
Smart City Pryagraj: अब स्ट्रीट लाइट्स आन-आफ करने का झंझट नहीं, ICCC से कंट्रोल होंगी
एक-दो सेकंड के अंतराल पर जल जाएंगी सभी स्ट्रीट लाइटें, खराबी भी पता चल जाएगी

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर की स्ट्रीट लाइट भी ‘स्मार्ट’ होंगी। स्ट्रीट लाइट को ‘स्मार्ट’ बनाने के लिए नगर निगम ने गत शनिवार को एजेंसी का चयन कर लिया। करार होते ही एजेंसी द्वारा काम शुरू किया जाएगा। खास यह कि अब स्ट्रीट लाइट इंटिग्रटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आइट्रिपलसी) से नियंत्रित होंगी। यह सिस्टम लगने के बाद शाम को स्ट्रीट लाइट नहीं  आन होने से सड़कों पर अंधेरा छाए रहने तथा सुबह सूरज की रोशनी में भी स्ट्रीट लाइन आफ नहीं किए जाने की शिकायत से भी निजात मिल जाएगी।

loksabha election banner

रोज दो-दो घंटे सुबह-शाम होती है जलाने-बुझाने में मशक्कत

शहर की स्ट्रीट लाइटों को जलाने के लिए अभी निगमकर्मियों को करीब दो घंटे शाम को मशक्कत करनी पड़ती है। सुबह बुझाने में भी लगभग दो घंटे लगते हैं। मैन्युअली व्यवस्था की वजह से करीब डेढ़ से दो घंटे लाइटें अतिरिक्त जलती हैं। इससे बिजली की खपत भी ज्यादा होती है। मगर, अब स्ट्रीट लाइट्स में स्वचालित सिस्टम लगेगा। मुख्य मार्गों की 10,200 स्ट्रीट लाइटों में दोहरे पैनल और गलियों की स्ट्रीट लाइटों के 30 से 40 विद्युत पोलों के अंतराल पर सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड यूनिटें लगेंगी। सभी की कनेक्टिविटी आइट्रिपलसी से होगी। इसके लिए दिल्ली की न्यू कंपनी का चयन किया गया है। इस व्यवस्था के प्रभावी होने से कर्मचारियों को सुबह-शाम स्ट्रीट लाइटों को जलाने और बुझाने के झंझट से निजात मिलेगी। एक-दो सेकंड के अंतराल पर सभी स्ट्रीट लाइटें जल और बुझ जाएंगी। कहीं, खराबी होने पर तत्काल पता भी चल जाएगा, जिससे जल्द समस्या का निराकरण हो सकेगा।

खास बातें

-60 हजार स्ट्रीट लाइटें शहर में

-12 करोड़ खर्च का अनुमान

-06 माह में एजेंसी को पूरा करना होगा काम

इन्होंने यह बताया

अभी अनुमानित आधार पर बिजली बिल का भुगतान होता है। लेकिन, स्वचालित सिस्टम के लागू होने पर वास्तविक खर्च पता चल सकेगा। तार टूटने अथवा कटियामारी होने से लोड बढ़ने की जानकारी भी हो सकेगी।

पुरुषोत्तम कुमार, अधिशासी अभियंता यांत्रिक विभाग।

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.