प्रयागराज जंक्शन पर स्काई वाक बनने से रेलयात्रियों को मिलेगी राहत, दो वर्ष बाद भी अधूरा ही है
प्रयागराज रेलवे जंक्शन पर स्काईवाक बनने से चारों एफओबी आपस में जुड़ जाएंगे। तब यात्री प्लेटफार्म नंबर एक से दो-तीन चार-पांच छह सात-आठ नौ-10 पर स्काई वाक के जरिए सीधे जा सकेंगे। यानी यात्री प्लेटफार्म के एक छोर से दूसरे छोर पर आसानी से जा सकेंगे।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे पर जाने के लिए नई दिल्ली स्टेशन की तर्ज पर बन रहे स्काई वाक बन रहा है। हालांकि यह कार्य बहुत धीमा चल रहा है। इससे यात्रियों को एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में हो रही परेशानी से निजात नहीं मिल सकी है। कहा जा रहा है कि काम की गति ऐसी ही रही तो इसका बजट भी कई करोड़ बढ़ जाएगा।
स्काई वाक से सभी फुटओवर ब्रिज आपस में जुड़ जाएंगे तो यात्रियों को सुविधा होगी : स्काई वाक के बनने से यात्री जंक्शन पर ऊपर ही ऊपर मनचाहे प्लेटफार्म पर जा सकेंगे। इससे सभी फुटओवर ब्रिज आपस में जुड़ जाएंगे और एक एफओबी से दूसरे एफओबी पर जाया जा सकेगा। स्काई वाक की लंबाई 557 मीटर, चौड़ाई छह मीटर है और 25 करोड़ की लागत से तीन चरणों में इसका निर्माण होना है।
पहले चरण में 134 मीटर लंबा पुल बना : पहले चरण में 134 मीटर लंबा पुल बन चुका है। दूसरे चरण का 243 मीटर लंबा पुल बनाने का कार्य 2019 में शुरू हुआ था और इसे जून-जुलाई 2020 तक पूरा हो जाना था, लेकिन अभी यह अधर में लटका है। इसके अलावा अभी तीसरे चरण में 180 मीटर लंबा पुल बनना बाकी है।
स्काई वाक से क्या होगा फायदा : प्रयागराज जंक्शन जिगजैग आकृति में है। यहां सात, आठ, नौ और 10 नंबर प्लेटफार्म हावड़ा एंड पर आगे की तरफ हैं, जबकि एक से लेकर छह नंबर तक के प्लेटफार्म दिल्ली एंड की ओर हैं। अगर कोई व्यक्ति लीडर रोड साइड या सिविल लाइन साइड से प्रवेश करे तो एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म जाने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी होती है। स्काईवाक बनने से चारो एफओबी आपस में जुड़ जाएंगे। तब यात्री प्लेटफार्म नंबर एक से दो-तीन, चार-पांच, छह, सात-आठ, नौ-10 पर स्काई वाक के जरिए सीधे जा सकेंगे। यानि यात्री प्लेटफार्म के एक छोर से दूसरे छोर पर आसानी से जा सकेंगे।
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ क्या कहते हैं : उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ डा. शिवम शर्मा ने बताया कि स्काई वाक बनाने का कार्य चल रहा है। इस वित्त वर्ष के अंत तक कार्य पूरा होना लक्षित है।