कौशांबी में प्रशिक्षण के बाद प्रवासी कामगार किसानों को बता रहे खेती में बदलाव के तरीके
कोरोना संकट के दौरान जिले में 32 हजार प्रवासी गैर प्रांत से आए थे। इन में हुनरमंद लोगों को कृषि विज्ञान केंद्र ने प्रशिक्षण दिया। इन प्रशिक्षण प्राप्त युवकों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया गया। कुछ लोगों ने बैंकों से ऋण के लिए भी आवेदन किया है।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के कौशांबी जिले में कोरोना संकट के दौरान घर लौटे प्रवासियों को कृषि विज्ञान केंद्र ने प्रशिक्षण दिया था। अब प्रशिक्षण प्राप्त प्रवासियों के सहारे कृषि में हो रहे बदलाव को लेकर किसानों को जागरूक करने की योजना बनाई जा रही है। यदि योजना को अमली जामा पहनाया गया तो करीब 22 हजार युवक कौशांबी में खेती के बदलाव की बयार लाएंगे।
32 हजार लौटे थे प्रवासी
कोरोना संकट के दौरान जिले में 32 हजार प्रवासी गैर प्रांत से आए थे। इन में हुनरमंद लोगों को कृषि विज्ञान केंद्र ने प्रशिक्षण दिया। इन प्रशिक्षण प्राप्त युवकों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया गया। कुछ लोगों ने बैंकों से ऋण के लिए भी आवेदन किया है। अन्य लोग गांव में रहकर खेती किसानी के साथ ही अन्य कार्य कर रहे हैं। अब कृषि विज्ञान केंद्र ने इन युवकों के माध्यम से कृषि में होने वाले तकनीकी बदलाव के प्रति किसोनों को प्रेरित करने की योजना बनाई है। इसके माध्यम से हर गांव में एक नेटवर्क तैयार मिलेगा। इसके सहारे कृषि विज्ञान केंद्र अपनी बातें आसानी से किसानों तक पहुंचा सकेगा।
तकनीकी खेती को मिलेगा बढ़ावा
प्रवासी युवक पढ़े लिखे होने के साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त हैं। उनको हर बातों की जानकारी पूर्व में दी जा चुकी है। केवल इसे धरातल पर उतारना है। प्रशिक्षण प्राप्त युवक कृषि विज्ञान केंद्र की हर जानकारी किसानों तक पहुंचा सकते हैं। योजना है कि इन युवकों का समूह अपने बीच रहने वाले किसानों को खाद, बीज, पानी आदि की जरूरत के साथ ही खेती में बदलाव के लिए एक मजबूत धुरी का काम करेंगे। इनकी बात किसान आसानी से व पूरे विश्वास के साथ सुनेगा और मानेगा। प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र डॉ. अजय सिंह का कहना है कि जिन युवकों को प्रशिक्षण दिया गया है। अब उनको तकनीकी बदलाव के लिए जागरूक करने के अभियान से जोड़ने की योजना है। इसको लेकर मंथन किया जा रहा है।