जाफरी कालोनी में नहीं सुधरे हालात, बहुतों ने घर छोड़ा
दो दिनों से नगर निगम की टीम जेसीबी, हैमर आदि मशीनें लेकर जलनिकासी की व्यवस्था में जुटी है, लेकिन उसे पूरी तरह सफलता तो नहीं मिल सकी।
जासं, इलाहाबाद : करेली क्षेत्र के जाफरी कालोनी में बुधवार को चौथे दिन भी जलभराव रहा। दो दिनों से नगर निगम की टीम जेसीबी, हैमर आदि मशीनें लेकर जलनिकासी की व्यवस्था में जुटी है, लेकिन उसे पूरी तरह सफलता तो नहीं मिल सकी। बुधवार को दिनभर की मशक्कत के बाद शाम को पानी की निकासी शुरू हो गई। हालांकि, कालोनी के हालात में विशेष सुधार नहीं हुआ।
कालोनी में करीब 15 फीट गहरे नाले को पाटकर सीसी रोड बना दी गई, जिससे वहां जलनिकासी का कोई रास्ता नहीं है। लोगों ने घरों के सीवर लाइन को 60 फीट रोड नाले में मिलाया था, लेकिन करीब 25-26 दिन पहले जब नाला जाम हुआ तो बैकफ्लो के कारण कालोनी में जलभराव हो गया। उस समय कालोनी की तरफ कुछ दूर तक नाले की खोदाई कराकर जलनिकासी का वैकल्पिक रास्ता बना दिया गया। रविवार से कालोनी में फिर से जलभराव की समस्या हो गई है। करीब सवा सौ मकानों में पानी घुस गया। मकानों में करंट उतरने के डर से बिजली भी काट दी गई है। ऐसे में इस भीषण गर्मी में लोगों का रहना भी मुश्किल हो गया था। जेसीबी से नाले की खोदाई के दौरान पानी की पाइप लाइनें भी टूट गई हैं, जिससे बुधवार से जलापूर्ति भी ठप हो गई। ऐसे में बहुत से लोगों ने घर छोड़कर परिचितों अथवा रिश्तेदारों के यहां चले गए। जिनके नात-रिश्तेदार यहां नहीं हैं, वह किराए पर मकान खोज रहे हैं।
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नाले के स्लैब को तोड़ने का निर्देश
महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने बुधवार को महाप्रबंधक जलकल विभाग आरएस सक्सेना, अधिशासी अभियंता और नगर निगम के नगर अभियंता अनिल कुमार मौर्या के साथ कालोनी का जायजा लिया। कवर्ड नाले के जाम होने के कारण बहाव पूरी तरह से बंद होने के साथ उस पर अतिक्रमण भी पाया गया। महापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अतिक्रमण हटवाते हुए पूरे नाले के स्लैब को तोड़कर पानी का बहाव सुनिश्चित किया जाए। नाले के शुरुआत में कैचपिट बनाकर जाली लगाई जाए और ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे फिर कालोनी में जलभराव की समस्या न होने पाए। वहीं, स्थानीय नागरिकों ने संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना जताई। इस पर महापौर ने पूरे क्षेत्र का सर्वे कराकर पानी की पाइप लाइन डालने और कीटनाशक का छिड़काव कराने का निर्देश दिया। इस अवसर पर पार्षद रोहित मालवीय, अवर अभियंता रमन सिंह, उत्कर्ष तिवारी, डा. अनिल कुमार, मुन्ना, लालजी शुक्ला आदि रहे।
निगम ने खड़े किए हाथ
अधिशासी अभियंता एके मौर्या का कहना है कि कालोनी में जलनिकासी का स्थायी समाधान तभी हो सकता है, जब वहां सीवर लाइन पड़ जाए या 25 फीट गहराई पर नाले की खोदाई कराई जाए। इतनी गहरी खोदाई के लिए निगम के पास न तो संसाधन है और न ही विशेषज्ञता। सीवर लाइन बिछाने के लिए इकाई को चिट्ठी लिखी जाएगी। एडीए को भी चिट्ठी लिखी जाएगी, क्योंकि कालोनी बसते समय इस बात का ध्यान नहीं दिया गया कि नाला है अथवा नहीं।