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यह रिपोर्ट चौंकाने वाली है, मोबाइल के अधिक इस्‍तेमाल से हर माह 30 से 40 बच्‍चे हो रहे चिड़चिड़े

जिला मानसिक रोग उन्मूलन टीम की रिपोर्ट बताती है कि हर महीने 30 से 40 बच्चे फोन के अधिक इस्तेमाल से चिड़चिड़े हो रहे हैं। फोन लेने पर बच्चे हिंसक भी हो रहे हैं। ऐसे बच्चों के लिए अस्पताल के मनकक्ष में विशेष कार्यशाला चलाकर उन्हे स्वस्थ किया जाता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 10:47 AM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 10:47 AM (IST)
यह रिपोर्ट चौंकाने वाली है, मोबाइल के अधिक इस्‍तेमाल से हर माह 30 से 40 बच्‍चे हो रहे चिड़चिड़े
बच्‍चे स्कूल नहीं जा रहे तो उन्‍हें घर में मोबाइल चाहिए। मना करने पर चिड़चिड़े हो रहे।

प्रयागराज, जेएनएन। करीब डेढ़ साल से कोरोना संक्रमण के चलते बच्चों के स्कूल बंद हैं। बच्चे घर से कहीं बाहर भी नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें आनलाइन पढ़ाई व खेल के लिए मोबाइल फोन चाहिए। जरूरत से अधिक मोबाइल का इस्तेमाल बच्चों को मानसिक रूप से बीमार भी बना रहा है। माता-पिता अगर फोन ले लेते हैं तो बच्चे आक्रोशित और कभी-कभी हिंसक भी हो रहे हैं। माेतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में आ रहे नए-नए मामले चिंताजनक हैं और भविष्य के लिए भयावह भी।

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जिला मानसिक रोग उन्‍मूलन टीम की चौंकाने वाली है रिपोर्ट

जिला मानसिक रोग उन्मूलन टीम की रिपोर्ट बताती है कि हर महीने 30 से 40 बच्चे फोन के अधिक इस्तेमाल से चिड़चिड़े हो रहे हैं। इनसे फोन लेने पर बच्चे हिंसक भी हो जा रहे हैं। ऐसे बच्चों के लिए अस्पताल के मनकक्ष में विशेष कार्यशाला चलाकर उन्हे स्वस्थ किया जाता है। डा. राकेश पासवान बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान से ऐसे मामले अधिक आ रहे हैं, जिनमें बच्चों के चिड़चिड़ेपन से अभिभावक परेशान हैं।

काउंसिलिंग से बच्‍चे होते हैं स्वस्थ : डा. राकेश पासवान

फोन से जिन बच्चों पर मानसिक दुष्प्रभाव पड़ रहा है, उन्हें काउंसिलिंग के लिए छह से सात बार मनकक्ष में बुलाया जाता है। बच्चों और उनके माता पिता की अलग-अलग काउंसिलिंग होती है। जरूरत पडने पर दवाएं भी दी जाती हैं। डा. राकेश पासवान बताते हैं कि अस्पताल आने वाले शत प्रतिशत बच्चों को ठीक कर उनके घर भेजा जाता है। उन्‍होंने कहा कि घर मेें बच्चों को केवल आनलाइन पढ़ाई के लिए ही फोन दें, बाकी समय उन्हें किसी अन्य क्रियात्मक कार्यों में लगाएं और खुद भी जुड़ें तो बच्चों से ज्यादा मोबाइल की आदत छुड़ाई जा सकती है। उन्‍होंने बताया कि आठ से 14 साल तक के बच्चों में दिक्कत ज्यादा देखी गई है। समय रहते इन्हें ठीक भी किया जा सकता है।


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