कोरोना से मृत महिला के जेवर चुरा लिए मगर कर्मचारियों को बेनकाब करने से कतरा रहे प्रतापगढ़ के स्वास्थ्य अधिकारी
प्रतापगढ़ में कोरोना का कहर कम होने से राहत महसूस होने के बीच शर्मनाक मामला सामने आया जिसमें संक्रमित महिला की मौत की के बाद उसके जेवरात चोरी कर लेने का आरोप वहां के स्वास्थ्य कर्मियों पर लगा है। मगर अब तक उन्हें बेनकाब नहीं किया गया है
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना महामारी के दौरान ऐसी-ऐसी मुसीबतों से लोगों को जूझना पड़ा है कि उन्हें यादकर मन दुखी हो जाता है। दूसरी लहर फैलने पर सबसे ज्यादा लोगों को संक्रमितों का इलाज कराने के लिए मुश्किल झेलनी पड़ी थी। दूसरी लहर पर काबू पाया जा चुका है लेकिन अब भी रोज नए केस मिल रहे हैं और लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है जहां कई बार हेल्थ वर्कर्स की कारगुजारी लोगों को झेलनी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला प्रतापगढ़ का सामने आया है जहां कोविड अस्पताल में एक संक्रमित महिला की मौत होने पर उसके शरीर से गहने चुरा लिए गए। इसकी शिकायत सीएमओ और पुलिस अधिकारियों से की गई तो जांच की गई जिसमें कर्मचारी चिन्हित हो गए लेकिन अब तक उन्हें बेनकाब कर कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
सीसीटीवी फुटेज में दिखे थे संदिग्ध हरकत करते दिखे कर्मचारी
प्रतापगढ़ में कोरोना का कहर कम होने से राहत महसूस होने के बीच एक शर्मनाक मामला सामने आया है। कोविड एल-टू अस्पताल में संक्रमित महिला की मौत की के बाद उसके जेवरात चोरी कर लेने का आरोप वहां के स्वास्थ्य कर्मियों पर लगा है। शिकात पर जांच शुरू करने के बाद भी विभाग इस मामले को छिपा रहा है। लखनऊ की रहने वाली एक महिला मई महीने में यहां एल्-टू अस्पताल में भर्ती कराई गई थी। वह अपने रिश्तेदार के यहां आने के बाद कोरोना वा की चपेट में आ गई थी। यहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। बाद में उसके जेवरात चोरी होने का पता चलने पर स्वजनों ने सीएमओ से मामले की शिकायत की। जांच कर चोरी हुए जेवरात दिलवाने के लिए कहा गया। विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों पर इतना बड़ा आरोप लगने से खलबली मच गई। जांच में सीसीटीवी फुटेज में दो कर्मचारी महिला के पास संदिग्ध दशा में खड़े व जेब में कुछ रखते नजर भी आए हैं। इसके बाद भी मामले को विभाग छिपाने का प्रयास कर रहा है। सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव कहते हैं कि उनकी जानकारी में ऐसा नहीं है। शिकायत आएगी तो जरूर जांच कराई जाएगी। साफ है कि जब तमाम कर्मचारी और अधिकारी गुपचुप ढंग से बता रहे हैं कि चोरी करने वालों का पता चल गया है तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई करने से बचा जा रहा है ताकि स्वास्थ्य विभाग पर चोरी का दाग न लगे।