Move to Jagran APP

शहीद कुंवर बहादुर का बेटा बना ग्राम पंचायत अधिकारी

डीएम ने अंतू एसओ को शहीद के बेटे को लखनऊ लेकर जाने का आदेश दिया। बुधवार दोपहर अंतू थाने के एसआइ राजेश सिंह शहीद के घर पहुंचे और उनके बेटे उपेंद को लेकर लखनऊ गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 02:08 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 02:08 PM (IST)
शहीद कुंवर बहादुर का बेटा बना ग्राम पंचायत अधिकारी
शहीद कुंवर बहादुर का बेटा बना ग्राम पंचायत अधिकारी

प्रयागराज : जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद हुए बीएसएफ के दारोगा कुंवर बहादुर सिंह के बेटे उपेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायत अधिकारी पद पर तैनाती दी है। बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर उपेंद ङ्क्षसह को मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र सौंपा। शहीद की तेरहवीं के दिन प्रदेश शासन ने बेटे को नौकरी देकर अपनी ओर से श्रद्धांजलि दी है।

prime article banner

   प्रतापगढ़ जनपद के अंतू थाना क्षेत्र के छतरपुर रायतारा निवासी कुंवर बहादुर ङ्क्षसह बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में थी। 18 फरवरी को हिम स्खलन होने से वह 12 हजार फिट नीचे गिर गए थे। दो दिन बाद उनका शव मिला था। यहां पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई थी। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कैबिनेट मंत्री मोती सिंह, जिले की प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह भी आई थी।

   शहीद के बेटे ने कैबिनेट मंत्री मोती से नौकरी दिलाने के साथ मुख्यमंत्री से मिलाने की मांग की थी। बुधवार को शहीद के घर पर उनकी तेरहवीं का आयोजन किया गया था। इसी बीच शासन से डीएम को शहीद के बेटे को लखनऊ भेजने की सूचना दी गई। डीएम ने अंतू एसओ को शहीद के बेटे को लखनऊ लेकर जाने का आदेश दिया। बुधवार दोपहर अंतू थाने के एसआइ राजेश सिंह शहीद के घर पहुंचे और उनके बेटे उपेंद को लेकर लखनऊ गए। वहां मुख्यमंत्री ने उपेंद को ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर तैनाती देते हुए नियुक्ति पत्र दिया। शाम सात बजे दारोगा राजेश सिंह शहीद के बेटे उपेंद्र को लेकर लखनऊ से घर के लिए रवाना हो गए। पिता की तेरहवीं के दिन मुख्यमंत्री द्वारा बेटे को नौकरी दिए जाने से परिजनों को सहारा मिला है है। शहीद की पत्नी मिथलेश सिंह, बेटी पूजा, सपना, बेटे उपेंद्र व बहू गरिमा सिंह ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि शासन ने शहीद की विधवा का दर्द समझा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.