Dr AK Bansal Murder Case: शूटरों को संरक्षण देने में कई सफेदफोश भी शामिल, शिकंजा कसने की तैयारी में एसटीएफ
एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि शूटरों के मोबाइल कॉल डिटेल रिकार्ड और पूछताछ से पता चला है कि कुछ सफेदपोश अ फार्म हाउस व दूसरी जगह पर पनाह देते थे। पैसा न होने की दशा में जरूरतें पूरी करते थे। इसके एवज में शूटर भी उनकी मदद करते थे।
प्रयागराज, जेएनएन। डॉक्टर एके बंसल हत्याकांड को अंजाम देने वाले शातिर शूटरों को संरक्षण देने वालों में कई सफेदपोश भी शामिल हैं। इसमें एक जिला पंचायत सदस्य तो दूसरा प्रधानपति है। इसी तरह कुछ और शख्स भी हैं, जिनका अपने क्षेत्र में काफी रसूख है। इस बारे में स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) को कई सुराग व साक्ष्य भी मिले हैं। कहा जा रहा है कि अब मकसूद व अबरार मुल्ला की गिरफ्तारी होने के साथ ही शरणदाता और संरक्षण देने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। एसटीएफ ने इसकी भी तैयारी शुरू कर दी है।
एक जिला पंचायत सदस्य और दूसरा है प्रधानपति
एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि शूटरों के मोबाइल कॉल डिटेल रिकार्ड और पूछताछ से पता चला है कि कुछ सफेदपोश अपने फार्म हाउस व दूसरी जगह पर पनाह देते थे। पैसा न होने की दशा में उनकी जरूरतें भी पूरी करते थे। इसके एवज में शूटर भी उनकी मदद करते थे। कुछ वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश सफेदपोश के घर ही पहुंचते थे, जहां से उन्हें सुरक्षित ठिकाने पर ले जाया जाता था। जिला पंचायत सदस्य का कुछ पार्टी के नेताओं और पुलिस से अच्छे संबंध हैं। जबकि प्रधानपति का पिता एक प्रशासनिक अधिकारी का ड्राइवर रह चुका है, जिसका अक्सर वह लाभ उठाता है। संरक्षण देने वालों में अबरार मुल्ला भी है, जो शूटरों की हर तरह से मदद करता था। एसटीएफ सीओ नवेंदु कुमार ने बताया कि शूटरों को संरक्षण देने वालों के बारे में और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, जिसके बाद उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।