फर्जी नियुक्ति में सात संविदा कर्मियों की नौकरी गई, प्रयागराज नगर निगम में शामिल झूंसी नगर पंचायत से जुड़ा मामला
नगर पंचायत झूंसी (अब नगर निगम में शामिल) में कार्यरत सात संविदा कर्मियों की नियुक्ति फर्जी साबित होने पर उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा। निगम प्रशासन ने शासनादेश के विपरीत इनकी नियुक्ति पाए जाने पर सेवा समाप्त कर दी।
प्रयागराज, राजकुमार श्रीवास्तव। नगर पंचायत झूंसी (अब नगर निगम में शामिल) में कार्यरत सात संविदा कर्मियों की नियुक्ति फर्जी साबित होने पर उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा। निगम प्रशासन ने शासनादेश के विपरीत इनकी नियुक्ति पाए जाने पर सेवा समाप्त कर दी। 12 नियमित कर्मियों के प्रकरण में 15 मार्च को शासन को भेजे गए पत्र में सुझाव मांगा गया है।
12 नियमित कर्मचारियों के मामले में शासन से मांगा गया सुझाव
नगर पंचायत झूंसी का निगम में विलय होने के बाद पांच दिसंबर 2020 को कार्यरत नियमित और संविदा कर्मियों के सेवा अभिलेख मांगे गए थे। नगर पंचायत कार्यालय से 16 दिसंबर को 12 नियमित और 23 संविदार्किमयों के अभिलेख भेजे गए। उसकी जांच के लिए नगर आयुक्त रवि रंजन ने अपर नगर आयुक्त मुशीर अहमद की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। 23 जनवरी को उन्हें रिपोर्ट सौंपी गई, जिसमें सात संविदार्किमयों की नियुक्ति शासनादेश के विपरीत हुई पाई गई। 16 संविदा कर्मियों की नियुक्ति सही मिली।
सफाई कर्मियों को ही रखने के निर्देश
रिपोर्ट में कहा गया है कि शासनादेश में संविदा पर सिर्फ सफाई कर्मियों की नियुक्ति के निर्देश हैं, जबकि नगर पंचायत झूंसी के अध्यक्ष/अधिशासी अधिकारी द्वारा संविदा पर पंप आपरेटर, जेसीबी चालक, कंप्यूटर आपरेटर, सफाईकर्मी व डोम के रूप में सात र्किमयों की नियुक्तियां की गईं। कमेटी की संस्तुति के क्रम में इन सातों संविदार्किमयों की सेवाएं समाप्त करने का कार्यालय आदेश सोमवार को जारी किया गया। वहीं, नियमितर्किमयों के मामले में नगर आयुक्त द्वारा विशेष सचिव नगर विकास अनुभाग को भेजे पत्र में कहा गया है कि नियुक्ति पर प्रतिबंध के बावजूद अध्यक्ष/अधिशासी अधिकारी द्वारा 1995 से 2012 तक नियुक्तियां की गईं। कितने पद सृजित हैं इसका भी उल्लेख नहीं है। लिहाजा, सृजित पदों की जानकारी मुहैया कराते हुए अध्यक्ष/अधिशासी अधिकारी द्वारा की गई नियुक्तियों के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए।
इनकी सेवाएं की गई हैं समाप्त
पंप आपरेटर संजय यादव, भारत सिंह यादव, मुन्ना लाल निषाद, चालक रमेश चंद्र यादव, कंप्यूटर आपरेटर शिवराज कुमार यादव, सफाईकर्मी अनिल कुमार और डोम मुन्ना लाल।