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इविवि की वरिष्ठ प्रोफेसर ने कार्यवाहक कुलपति पद पर ठोकी दावेदारी

विवादों से चोली-दामन जैसा नाता रखने वाला इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) अब वरिष्ठता को लेकर फिर कठघरे में खड़ा हो गया है। कला संकाय के मनोविज्ञान विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर नमिता पांडेय ने खुद को कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी से भी वरिष्ठ बताते हुए पद पर दावेदारी ठोक दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 07:32 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 07:32 PM (IST)
इविवि की वरिष्ठ प्रोफेसर ने कार्यवाहक कुलपति पद पर ठोकी दावेदारी
इविवि की वरिष्ठ प्रोफेसर ने कार्यवाहक कुलपति पद पर ठोकी दावेदारी

गुरुदीप त्रिपाठी, प्रयागराज : विवादों से चोली-दामन जैसा नाता रखने वाला इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) अब वरिष्ठता को लेकर फिर कठघरे में खड़ा हो गया है। कला संकाय के मनोविज्ञान विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर नमिता पांडेय ने खुद को कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी से भी वरिष्ठ बताते हुए पद पर दावेदारी ठोक दी है। उन्होंने मामले की शिकायत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा से की है।

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प्रोफेसर नमिता पांडेय ने बताया कि 23 दिसंबर 1977 को उनका चयन अस्थायी लेक्चरर पर हुआ था। 24 दिसंबर 1979 को स्थायी नियुक्ति हुई। करियर एडवांसमेंट स्कीम (कैश) के तहत 13 सितंबर 1991 को कार्य परिषद ने रीडर पद पर नियुक्त किया। 17 अप्रैल 1993 को कैडर नियुक्ति के तहत भी रीडर नियुक्त किया गया। दिसंबर 2019 में प्रो. रतन लाल हांगलू के कुलपति पद से इस्तीफा देने के बाद प्रो. आरआर तिवारी को कार्यवाहक कुलपति का जिम्मा सौंप दिया गया। जबकि, वरिष्ठता सूची के आधार पर यह दायित्व मुझे सौंपा जाना चाहिए था। बताया कि 13 सितंबर 1999 से वह प्रोफेसर पद के योग्य हैं। इस संदर्भ में रजिस्ट्रार और भारत सरकार उच्च शिक्षा के उपसचिव को भी कई बार पत्र भेजा है। बताया कि प्रो. आरआर तिवारी मुझसे जूनियर हैं। उनका प्रोफेसर पद पर चयन 14 अक्टूबर 2001 में हुआ है। इसके बावजूद रजिस्ट्रार ने वरिष्ठता के नियमों को दरकिनार किया गया। कई डीन की भी मनमाने तरीके से नियुक्ति

प्रो. नमिता पांडेय के मुताबिक कला संकाय की डीन पद से सेवानिवृत्त प्रो. रंजना बाजपेयी, प्रो. आरके सिंह, प्रो. ललित जोशी (डीन का पद ज्वाइन नहीं किया) और वर्तमान डीन प्रो. हेरंब चतुर्वेदी भी वरिष्ठता सूची में मुझसे काफी नीचे आते हैं। प्रो. नमिता ने रजिस्ट्रार पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए इविवि की छवि को धूमिल करने और कुलपति के पद की गरिमा को भी क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया है। वर्जन

इविवि में वरिष्ठता सूची को लेकर एक कमेटी बना दी गई है। शिक्षकों की तरफ से इससे संबंधित जो भी दस्तावेज रिप्रजेंटेशन में सबमिट किए गए थे। कमेटी उसका परीक्षण भी कर रही है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जा जाएगी।

- डॉ. शैलेंद्र मिश्र, जनसंपर्क अधिकारी, इविवि।


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