Coronaviru के संक्रमण काल में स्वरोजगार को रुझान बढ़ा, कर्ज लेने की मची होड़ Prayagraj News
कर्ज देने के पहले संबंधित बैंकों के स्तर से भी पत्रावलियों का फिजिकल वेरीफिकेशन होगा। जांच के बाद ही आवेदक को कर्ज की स्वीकृति दी जाएगी।
प्रयागराज, [राजकुमार श्रीवास्तव]। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में लोगों में स्वरोजगार करने को लेकर रुझान भी बढ़ा है। अब लोग अपने घर में ही खुद का लघु उद्यम लगाकर रोजी-रोजगार करना चाहते हैं। हालांकि इसके लिए मोटी रकम की भी जरूरत पड़ेगी, इसलिए कर्ज के लिए लोग स्वरोजगार संबंधी योजनाओं में आवेदन कर रहे हैं। तीन योजनाओं में करीब सवा आठ सौ लोगों ने आवेदन किए हैं। इसमें से करीब ढाई सौ आवेदनों को जिला उद्योग केंद्र से स्वीकृति देकर कर्ज के लिए बैंकों को पत्रावलियां भेज दी गई हैं। जबकि लगभग सवा दो सौ आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं।
पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत अधिक आवेदन
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत सबसे ज्यादा करीब पौने पांच सौ लोगों ने कर्ज के लिए आवेदन किए। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लगभग ढाई सौ और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत 110 लोगों ने आवेदन किए। आवेदन पत्रों की जांच के बाद क्रेडिट स्कोरिंग करके लगभग ढाई सौ पत्रावलियां बैंकों को भेज दी गई हैं। सवा दो सौ आवेदन कुछ कमियों के कारण निरस्त कर दिए गए हैं। बाकी आवेदनों की जांच और क्रेडिट स्कोरिंग की कार्रवाई हो रही है।
बैंक स्तर से भी होगा फिजिकल वेरीफिकेशन
कर्ज देने के पहले संबंधित बैंकों के स्तर से भी पत्रावलियों का फिजिकल वेरीफिकेशन होगा। यह भी जांच होगी कि कर्ज लेने वाला डिफाल्टर तो नहीं है। इन बिंदुओं की जांच के बाद ही आवेदक को कर्ज की स्वीकृति दी जाएगी। बैंक से कर्ज मिलने के पहले सामान्य वर्ग के आवेदक को कुल प्रोजेक्ट कास्ट का 10 और आरक्षित वर्ग के आवेदक को पांच फीसद रकम बैंक में जमा करना होगा।
उद्योग उपायुक्त ने कहा कि मशीन लगाने या निर्माण क्षेत्र को ही कर्ज मिलेगा
उद्योग उपायुक्त अजय कुमार चौरसिया कहते हैं कि इन योजनाओं में सेवा क्षेत्र में मशीन लगाने अथवा निर्माण क्षेत्र के लिए ही कर्ज मिल सकता है। दुकान, व्यापार, पशुपालन, मुर्गी पालन आदि के लिए कर्ज नहीं मिलता है। जो आवेदन निरस्त हुए हैं, उसमें बहुत से लोग दुकान अथवा व्यापार के लिए भी कर्ज मांगे थे।