कौशांबी में स्वच्छता अभियान का पलीता लगा रहे स्कूलों के बदहाल शौचालय
शौचालयों का मरम्मत कराने का निर्देश प्रधानों व सचिवों को दिया है। यदि कुछ स्कूलों के शौचालयों का मरम्मत नहीं कराया गया है तो संबंधित प्रधानों व सचिवों से जवाब मांगा जाएगा।
प्रयागराज,जेएनएन। पडोसी जनपद कौशांबी को भले ही पूर्ण रूप से खुले में शौच मुक्त किया जा चुका है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। गांवों में स्वच्छता की बात करना तो दूर स्कूल के बदहाल शौचालय स्वच्छता अभियान को पलीता लगा रहे हैं। परिषदीय स्कूलों के बदहाल शौचालय की वजह से शिक्षकों को परेशानी हो रही है। यदि स्कूलों के शौचालयों को न दुरुस्त कराया गया तो पढ़ाई शुरू होने पर बच्चों को परेशानी झेलनी होगी। मजबूरन बच्चों को शौच के लिए बाहर जाना होगा।
बदहाल शौचालयों का नहीं कराया गया मरम्मत
जिले में 11 परिषदीय स्कूल हैं। इस स्कूलों के सुंदरीकरण व शौचालयों की मरम्मत कराने का निर्देश ग्राम पंचायतों को जिलाधिकारी व डीपीआरओ की ओर से पूर्व में दिया गया था। इसके बाद भी जनपद के एक दर्जन स्कूलों के शौचालय बदहाल हैं। कुछ शौचालयों का दरवाजा टूटा है तो कुछ की सीट। ऐसे में बीआरसी नेवादा के प्राथमिक विद्यालय आलमपुर, रामपुर, बरौलहा, बीआरसी चायल का प्राथमिक विद्यालय शाना, मुरादपुर, बीआरसी सिराथू क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोहिद्दीनपुर बेला, बीआरसी सरसवां का प्राथमिक विद्यालय खेरवा के शौचालय का प्रयोग नहीं हो पा रहा है।
शौचालय का मरम्मत न कराने पर मांगा जाएगा जवाब
डीपीआरओ गोपाल जी ओझा का कहना है कि जिले के परिषदीय स्कूलों व शौचालयों का मरम्मत कराने का निर्देश प्रधानों व सचिवों को दिया है। यदि कुछ स्कूलों के शौचालयों की मरम्मत नहीं कराया गया है तो संबंधित प्रधानों व सचिवों से जवाब मांगा जाएगा। साथ ही आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी।