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प्रयागराज में विद्यार्थियों ने दिया पृथ्वी को हराभरा बनाने का संदेश, कहा- आक्सीजन का संकट खत्म होगा

किसी विद्यार्थी ने चित्र बनाया तो किसी ने लेख लिखा। सभी ने अपने आसपास के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए संकल्प लिया। कहा कि पानी बचाने व पौधों को लगाने के साथ ही उन्हें बचाने का भी अभियान चलाना होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 02:29 PM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 02:29 PM (IST)
प्रयागराज में विद्यार्थियों ने दिया पृथ्वी को हराभरा बनाने का संदेश, कहा- आक्सीजन का संकट खत्म होगा
श्रीनारायण आश्रम स्थित श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल के बच्‍चों ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। (प्रतीकात्‍मक फोटो)

प्रयागराज, जेएनएन। मनुष्य स्वस्थ रहे, इसके लिए जरूरी है कि पर्यावरण भी स्वस्थ हो। हर तरफ हरा भरा वातावरण रहेगा तभी पृथ्वी पर आक्सीजन का संकट खत्म होगा। यह तभी संभव होगा जब प्रत्येक व्यक्ति अपना दायित्व समझे। यह सलाह दी है श्रीनारायण आश्रम स्थित श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल के बच्‍चों ने।

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विश्व पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में ई-कांटेस्ट का आयोजन इस स्‍कूल में किया गया। इसमें विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भागीदारी की। कक्षा 6 से 12 तक के 201 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। स्कूल के विद्यार्थियों के अतिरिक्त वर्ग में 10 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 173 प्रतिभागी, 19 वर्ष से 30 वर्ष तक के 9 प्रतिभागी, इससे अधिक आयु वर्ग में  31 प्रतिभागी शामिल हुए। सभी ने अपनी रचनात्मकता दिखाई।

किसी विद्यार्थी ने चित्र बनाया तो किसी ने लेख लिखा। कुछ लोगों ने पृथ्वी को हराभरा बनाने के लिए अपने सुझाव भी दिए। इस मौके पर सभी ने अपने आसपास के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए संकल्प लिया। कहा कि पानी बचाने व पौधों को लगाने के साथ ही उन्हें बचाने का भी अभियान चलाना होगा। खास बात यह कि जो पौधे लगाए जाएं वह वृक्ष का आकार लें न कि झुरमुट जैसे पौधे। पृथ्वी पर तेजी से आक्सीजन कम हो रही है। हरियाली का स्तर भी घट रहा है।

विद्यालय की प्रधानाचार्य रविंदर बिरदी ने कहा कि देखा जा रहा है कि सड़क के किनारे जो पौधे रोपे जा रहे हैं वह वृक्ष के स्वरूप वाले नहीं है जिससे आने वाले दिनों में आक्सीजन का संकट गहरा जाएगा। पृथ्वी की सतह भी अधिक गर्म होगी। इसी का नतीजा है कि अब आए दिन ग्लेसियर भी टूट रहे हैं। उत्तरी ध्रुव व दक्षिणी ध्रुव पर भी बर्फ तेजी से पिघल रही है। यह सब यदि रोकना है तो प्रत्येक व्यक्ति को अपना दायित्व स्वयं निभाना होगा। इसके लिए न तो किसी संगठन को न किसी सरकार को दोषी मानना होगा। हम सब को स्वयं आगे आना होगा। अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा कि एक पौधा लगाएं और उसकी हिफाजत भी करें जिससे कुछ दिनों में वह हरियाली देने लायक हो जाए।


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