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Sawan Somvar 2020 : आज चित्रा नक्षत्र, साध्य योग व वणिज करण विद्यमान हैं Prayagraj News

Sawan Somvar 2020 भद्रा तुला राशि नाग लोक में लगेगी जो अत्यंत कल्याणकारी है। इसमें व्रत व शिव स्तुति से राजनीतिक उत्थान उन्नति धन यश-कीर्ति में वृद्धि होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 10:08 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 03:31 PM (IST)
Sawan Somvar 2020 : आज चित्रा नक्षत्र, साध्य योग व वणिज करण विद्यमान हैं Prayagraj News
Sawan Somvar 2020 : आज चित्रा नक्षत्र, साध्य योग व वणिज करण विद्यमान हैं Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। भगवान शिव के स्तुति मास सावन का चौथा सोमवार आज है। चौथे सोमवार को साध्य का दुर्लभ संयोग है। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि सोमवार को सप्तमी व अष्टमी दोनों तिथियों का संयोग है। चित्रा नक्षत्र, साध्य योग व वणिज करण विद्यमान रहेंगे। सुबह 8.58 बजे से भद्रा लग जाएगी। जो शाम 7.45 बजे तक रहेगी। भद्रा तुला राशि नाग लोक में लगेगी जो अत्यंत कल्याणकारी है। इसमें व्रत व शिव स्तुति से राजनीतिक उत्थान, उन्नति, धन, यश-कीर्ति में वृद्धि होगी। साथ ही भूमि, भवन व वाहन की प्राप्ति होगी। 

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पुरुष 'ओम नम: शिवाय' व महिलाए 'नम: शिवाय' का मन में जप करें

सावन के चौथे सोमवार के पवित्र दिन में शिव का ध्यान, दर्शन, पूजन, भजन व अभिषेक करने वाले भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। विद्वानों के अनुसार स्नान के बाद पुरुषों को 'ओम नम: शिवाय' व महिलाओं को 'नम: शिवाय' का मन में जप करना चाहिए। किसी सिद्ध शिवालय में शिवलिंग का दर्शन-पूजन करने के बाद अन्न व जल ग्रहण करना चाहिए। शिव मंदिरों में सुबह से ही पूजन और अर्चन के साथ भगवान शिव के दर्शन को भक्‍त जुटने लगे हैं।

मंदिरों में फिजिकल डिस्‍टेंसिंग का पालन हो रहा

कोरोना संक्रमण को देखते हुए शिवालयों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मंदिरों में फिजिकल डिस्‍टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। मंदिरों के मुख्‍य द्वार पर सैनिटाइजर व थर्मल स्क्रीनिंग का प्रबंध किया गया है। मास्क लगाने वाले श्रद्धालु को ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। मनकामेश्वर, गंगोली शिवालय, शिव कचहरी शिवालय, पंचमुखी, भोले गिरि, तक्षकतीर्थ बड़ा शिवालय, मुकुंदेश्वरनाथ महादेव सहित हर शिवालय में भक्तों को दूर से दर्शन की अनुमति है। भक्‍त खुद जागरूक हैं, वह गाइडलाइन का पालन करके भगवान शिव का पूजन-अर्चन कर रहे हैं।

कल्याणकारी हैं भगवान शिव

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक व ज्‍योतिर्विद आचार्य विद्याकांत पांडेय सावन में भगवान शिव जाग्रत अवस्था में रहते हैं। माता पार्वती से उनका पुनर्मिलन इसी माह में हुआ था। इसी कारण सावन के महीने में शिव की विशेष पूजा का विधान है। शिव का अर्थ है जो कल्याणकारी हो। हालांकि शिवजी का व्यक्तित्व उनके नाम से मेल नहीं खाता। वे अपने शरीर पर चिता की राख धारण करते हैं। गले में फूल-मालाओं की जगह विषैले सर्पों को धारण करते हैं। शिव किसी का अहित नहीं करते, बल्कि भक्तों का कष्ट दूर करके उन्हेंं सुख-शांति प्रदान करते हैं।

ऊं के उच्चारण से सांस क्रिया पर प्रभाव पड़ता है : आचार्य विद्याकांत

ज्‍योतिर्विद आचार्य विद्याकांत पांडेय कहते हैं कि शिवपुराण के अनुसार गंभीर बीमारियों व मानसिक परेशानियों को दूर करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र बहुत उपयोगी है। इस मंत्र के जप में इतनी शक्ति है कि मृत्यु के करीब पहुंच चुके व्यक्ति को जीवनदान मिल जाता है। महामृत्युंजय मंत्र की शुरुआत 'ऊं' से होती है। ऊं के उच्चारण से सांस क्रिया पर प्रभाव पड़ता है। इससे शरीर में मौजूद चक्रों  में ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है। शरीर में मौजूद चक्रों के कंपन से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में विस्तार होता है।


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