Sawan 2021: प्रयागराज के गोपेश्वरनाथ महादेव मंदिर में आने वालों का कष्ट होता है दूर, जानें महात्म्य
Sawan 2021 शहर के सबसे पुराने मोहल्ले अहियापुर (मालवीय नगर) में गोपेश्वरनाथ महादेव का अत्यंत प्राचीन मंदिर स्थित है। बताते हैं कि यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। इस शिवालय में प्रतिदिन सैकड़ों भक्त दर्शन-पूजन करने आते हैं। सावन के माह भर पूजन-अर्चन के लिए भक्तों की भीड़ जुटती है।
प्रयागराज, जेएनएन। सावन 2021 का महीना चल रहा है। हर ओर आस्था और भक्ति की लहर है। शिव मंदिरों के साथ मठाें में पूजन-अर्चन के साथ धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। पुष्प, बेल पत्र, दूध, दही और गंगा जल से भोलेनाथ का अभिषेक कर भक्त कृतकृत्य हो रहे हैं। घरों में भी भक्त भोलेनाथ के पूजन में लीन हैं। सावन के सोमवार पर तो मंदिरों में आस्था की गंगा बह रही है।
सैकड़ों वर्ष पुराना है गोपेश्वरनाथ मंदिर
सावन का महीना है तो प्रयागराज के गोपेश्वरनाथ महादेव मंदिर का जिक्र करना आवश्यक है। आइए हम आपको इस प्राचीन मंदिर के महात्म्य बताते हैं। शहर के सबसे पुराने मोहल्ले अहियापुर (मालवीय नगर) में गोपेश्वरनाथ महादेव का अत्यंत प्राचीन मंदिर स्थित है। बताते हैं कि यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। इस शिवालय में प्रतिदिन सैकड़ों भक्त दर्शन-पूजन करने आते हैं। सावन के माह भर और शिवरात्रि के साथ ही नागपंचमी के दिन यहां पूजन-अर्चन के लिए भक्तों की भीड़ जुटती है।
गोपेश्वरनाथ मंदिर का इतिहास
गोपेश्वरनाथ महादेव को भगवान श्रीकृष्ण की गोपियों का स्वरूप माना जाता है। बताते हैं कि मंदिर का निर्माण श्रीकृष्ण की रासलीला को ध्यान में रखकर किया गया है। इसका वास्तु अत्यंत अद्भुत है। मंदिर के अंदर स्थापित शिवलिंग के चारों ओर गणेश, हनुमान जी सहित अनेक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं। उत्तर दिशा में शिव व बाहर नंदी की प्रतिमा स्थापित है, जो भक्तों की आस्था का केंद्र हैं।
मंदिर की विशेषता
सावन के महीने में गोपेश्वरनाथ महादेव का प्रतिदिन भव्य श्रृंगार करके पूजन किया जाता है। हर सोमवार को जनकल्याण के लिए अनुष्ठान किया जाता है। मनोकामना पूर्ति होने पर भक्त भोलेनाथ का पूजन करके भंडारा कराते हैं। सुबह से लेकर रात तक यहां भक्तों की भीड़ जुटती है।
मंदिर के पुजारी आचार्य मुकेश बताते हैं महात्म्य
गोपेश्वरनाथ शिवालय के पुजारी आचार्य मुकेश इसके महात्म्य को बताते हैं। वे कहते हैं कि यहां सच्चे हृदय से कराया गया अनुष्ठान खाली नहीं होता। भोलेनाथ भक्त की हर इच्छा पूर्ण करते हैं।
मंदिर के व्यवस्थापक आनंद खन्ना बोले
गोपेश्वनाथ मंदिर के व्यवस्थापक आनंद खन्ना कहते हैं कि आजादी की लड़ाई का केंद्र प्रयागराज का अहियापुर मोहल्ला था। क्रांतिकारी अक्सर इस मंदिर में शरण लेने आते थे। यहां सहजभाव से पूजन करने पर मनोकामना पूर्ण होती है।