सेटेलाइट से पकड़ाए पुआल जलाने वाले किसान, लगा जुर्माना
इलाहाबाद : खेतों में फसल अवशेष जलाया जाना प्रतिबंधित है। खेत में फसल अवशेष जलाने वालों पर सरक
इलाहाबाद : खेतों में फसल अवशेष जलाया जाना प्रतिबंधित है। खेत में फसल अवशेष जलाने वालों पर सरकार की विशेष नजर है। यहां तक कि इसकी निगरानी अब भारत सरकार की सेटेलाइट से हो रही है। सेटेलाइट से जिले के छह किसानों को धान की पुआल जलाते देखा गया है। इसलिए उन छह किसानों के खिलाफ प्रशासन ने ढाई-ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसकी जानकारी किसानों की हुई तो वह आक्रोशित हो गए। किसानों ने कहा कि जिन उद्योगों की चिमनियों से जहरीला धुआं निकलकर वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। उसे कोई नहीं पकड़ रहा है और गरीब किसान ने खेत में पुआल जला दिया तो उससे जुर्माना लेंगे।
जिले की तीनों तहसीलों में फसल की कटाई शुरू हो गयी है। धान की कटाई के बाद किसान पुआल जला रहे हैं। पुआल जलाने से रोकने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार हुआ फिर भी यह घटनाएं नहीं रुक रही है। फसल अपशिष्ट जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है। वहीं आसपास के वातावरण में धुंध छा जाती है। इससे मृदा का तापमान बढ़ जाता है और मिट्टी की उर्वराशक्ति कम होने लगती है।
उपनिदेशक कृषि उदयभान ¨सह ने बताया है कि फसल अपशिष्ट जलाने वालों पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है। बुधवार को भारत सरकार की सेटेलाइट से जानकारी मिली कि कुछ किसान अपने खेतों में पुआल जला रहे है। इसलिए उन गांवों की जांच की गई और मौके पर पुआल जले पाए गए। इसलिए किसान संशुल निवासी कमासिन कड़ा, कालू निवासी पहाड़पुर कोदौं कड़ा, रुआब अहमद, कमरूद्दीन, शैजउद्दीन, मुजीबुद्दीन, राजेन्द्र ¨सह निवासी गो¨वदपुर गोरियो सिराथू, राजबहादुर ओदारपुर चरवा, राम नारायण निवासी चायल खास पर ढाई-ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कैसे नष्ट करें फसल अपशिष्ट :
उपनिदेश कृषि उदयभान ¨सह ने बताया है कि खेतों में सिचांई कर 25 किलो यूरिया प्रति हेक्टेयर डाल दें। इससे अपशिष्ट जल्दी सड़ जाता है और मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ बढ़ जाता है। उससे उत्पादन तथा उत्पादकता भी बढ़ जाती है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि कोई भी किसान अपशिष्ट न जलाएं। जलाते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना देना पड़ेगा। धुआं उगलने वाली चिमनियों को नहीं पकड़ रही सेटेलाइट :
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष बलवीर ¨सह चौहान ने बताया कि सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण जहरीला धुआं उगलने वाली चिमनियों से हो रहा है। उन उद्योगों को सेटेलाइट से नहीं देखा जा रहा है। जहरीला धुआं उगलती हुई खटारा गाड़ियां सड़क पर दिनरात प्रदूषण फैला रही हैं। उन्हें भी सेटेलाइट नहीं देख रहा है। शहरों से रोजाना न जाने कितना वायु प्रदूषण हो रहा है, उसे भी नहीं रोका जा रहा है। गांव का गरीब किसान ही सबसे कमजोर है। उसने पुआल जला दिया तो सेटेलाइट से उसकी धरपकड़ हो रही है। उन्होंने कहा कि पुआल जाने के नाम पर किसानों का शोषण हुआ तो आंदोलन किया जाएगा। किसानों को पकड़ने से पहले उन उद्योगों को पर लगाम लगाए जो लगातार जहरीला धुआं उगल रहे हैं।