संत और महात्मा भी अक्षयवट के दर्शन-पूजन की कर रहे हैं मांग
किले में कैद अक्षयवट के दर्शन-पूजन की मांग आम लोगों के साथ संत और महात्मा भी कर रहे हैं। साथ ही दैनिक जागरण के अभियान की सराहना भी की है।
प्रयागराज : अक्षयवट को आम जनमानस के लिए खोले जाने की मांग तेज हो गई है। कुंभ से पहले अक्षयवट श्रद्धालुओं के लिए सुलभ हो, लोगों की यही मंशा है। न सिर्फ आम शहरी बल्कि संत-महात्मा भी अक्षयवट के दर्शन पूजन की मांग कर रहे हैं। कोई चाहता है कि कुंभ से पहले अक्षयवट का दर्शन हिंदू धर्मावलंबियों को बिना किसी रोक-टोक के मिलने लगे। लोग जागरण द्वारा चलाए जा रहे अभियान की सराहना कर रहे हैं।
...तो भावना को पहुंचेगी ठेस : जगत नारायण
वरिष्ठ अधिवक्ता जगत नारायण अग्रवाल का कहना है कि कुंभ में विश्व के अनेक देशों से लोग अक्षयवट के दर्शन-पूजन की अभिलाषा लेकर प्रयाग आएंगे। अगर उनकी अभिलाषा पूरी न हुई तो उनकी भावना को ठेस पहुंचेगा।
श्रद्धालुओं को अमूल्य उपहार दे सरकार : विवेक
भाजपा नेता विवेक जायसवाल का कहना है कि अक्षयवट जल्द सबके दर्शन-पूजन को खुले, लंबे समय से यह मांग उठ रही है। कुंभ करीब है, सरकार उस दिशा में उचित निर्णय लेना चाहिए। अक्षयवट खुलता है तो यह श्रद्धालुओं के लिए अमूल्य उपहार होगा।
दुर्भाग्यपूर्ण है अक्षयवट का बंद होना : प्रवीण
समाजसेवी प्रवीण चंद्र नौटियाल ने कहा कि अक्षयवट के दर्शन मात्र से मानव को समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है। अक्षयवट के नीचे किए गए धार्मिक अनुष्ठान का फल अतिशीघ्र मिलता है, क्योंकि उसमें साक्षात भगवान विष्णु विराजमान हैं।
हिंदू मान्यता को पहुंच रही ठेस : अवधेश
तीर्थपुरोहित अवधेश त्रिपाठी कहते हैं कि अक्षयवट जैसे पवित्र वृक्ष का दर्शन-पूजन रोकना अनुचित है। यह हिंदू मान्यता को ठेस पहुंचाने के सामन है, जो सदियों से हो रहा है। मौजूदा सरकार अक्षयवट का दर्शन सबके लिए सुलभ कराए।