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बच्चों की शिक्षा पर नहीं खर्च हुए 1.25 करोड़, वापस

आरटीई के तहत मान्यता प्राप्त निजी कॉन्वेंट स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए आए सवा करोड़ रुपये वापस हो गए। इसका कारण इन स्कूलाें में पर्याप्त संख्‍या में बच्चों का दाखिला न होना था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 05:16 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 05:16 PM (IST)
बच्चों की शिक्षा पर नहीं खर्च हुए 1.25 करोड़, वापस
बच्चों की शिक्षा पर नहीं खर्च हुए 1.25 करोड़, वापस

प्रयागराज : शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत मान्यता प्राप्त निजी कॉन्वेंट स्कूलों में गरीबों के बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकें। इसके लिए सरकार करोड़ों रुपये का बजट जारी करती है। हालांकि स्कूल प्रबंधन और बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों की मिलीभगत से इन स्कूलों में पर्याप्त संख्या में बच्चों को दाखिला नहीं मिला। इसलिए सरकार की ओर से जारी रकम में से 1.25 करोड़ रुपये वापस कर दिया गया।

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निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में उन गरीब बच्चों का दाखिला होता है 

आरटीई के तहत निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में उन गरीब बच्चों का दाखिला होता है, जिनका नाम शासन की ओर से ऑनलाइन लॉटरी में आने के बाद डीएम की ओर से संस्तुति की जाती है। इसके बाद स्कूलों में जितने बच्चों का प्रवेश होता है, 450 रुपये प्रतिमाह की दर से फीस स्कूलों को भेजी जाती है। वहीं जबकि किताब, यूनिफार्म आदि के लिए प्रत्येक बच्चे के अभिभावक के बैैंक खाते में पांच हजार रुपये सालाना की दर से ट्रांसफर किया जाता है। 

तीन शैक्षिक सत्रों के लिए मिले थे रुपये

इस मद में तीन शैक्षिक सत्रों के लिए विभाग को दो करोड़ 27 लाख 55 हजार रुपये मिले थे। इसमें से शैक्षिक सत्र 2016-17, 17-18 और 18-19 के लिए शुल्क प्रतिपूर्ति और अनुदान मद में एक करोड़ तीन लाख 10 हजार 243 रुपये खर्च किए गए। एक करोड़ 24 लाख 44 हजार 757 रुपये खर्च नहीं किए जा सके। कहा जा रहा है कि 10 स्कूलों द्वारा दाखिला लिए गए बच्चों की संख्या सत्रवार तय प्रारूप पर नहीं भेजी गई, जिसकी वजह से इन स्कूलों को शुल्क प्रतिपूर्ति और वित्तीय सहायता नहीं मुहैया कराई जा सकी। लिहाजा, बजट खर्च नहीं हो सका। बची रकम 30 मार्च को वापस कर दी गई। 

बोले बीएसए

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने कहा कि इन स्कूलों को जनवरी से मार्च तक चार-पांच बार पत्र जारी किए गए, लेकिन बच्चों का ब्योरा नहीं मुहैया कराया गया। बजट भी ज्यादा था। इसकी वजह से बची रकम वापस कर दी गई। 


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