नियम और संयम से RPF के उपनिरीक्षक ने Coronavirus संक्रमण को दी शिकस्त, महामारी से लड़ने का दिया संदेश
आरपीएफ के उपनिरीक्षक अमित कुमार द्विवेदी कहते हैं कि बेटी को संक्रमण की पुष्टि होने के बाद परेशान हुए लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति से कोरोना को मात दे दी। कोरोना को शिकस्त देने के लिए दिल-दिमाग की मजबूती के साथ संयमित जीवनशैली को भी अहम बताया।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद अपनी दिनचर्या में बदलाव किया। आइसोलेशन के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करते। साथ ही अपने आराध्य देवताओं का स्मरण भी करते। इससे संबल मिलता था। संतुलित भोजन के अलावा गुनगुना पानी व काढ़ा भी पीते। नियम और संयम से कोरोना संक्रमण को शिकस्त भी दी। ये कहानी नहीं हकीकत है। रेलवे पुलिस बल आरपीएफ के उपनिरीक्षक अमित कुमार द्विवेदी के साथ हुआ।
आरपीएफ के उपनिरीक्षक बोले- सकारात्मक सोच बेहद जरूरी
दरअसल, नौ अप्रैल को उन्होंने अपनी आठ वर्षीय बेटी सान्वी का कोविड टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस पर परेशान हुए। अगले दिन उन्होंने भी अपनी जांच कराई और संक्रमण की पुष्टि हुई। दोनों लोग घर पर ही आइसोलेट थे। उन्होंने बताया कि अब जांच में रिपोर्ट दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई तो राहत की सांस ली। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि संक्रमण की पुष्टि होने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि सकारात्मक सोच बेहद जरूरी है।
दृढ़ इच्छा शक्ति से कोरोना को हराया जा सकता है
आरपीएफ के उपनिरीक्षक अमित कुमार द्विवेदी कहते हैं कि बेटी को संक्रमण की पुष्टि होने के बाद परेशान जरूर हुआ। फिर हिम्मत से काम लेते हुए दृढ़ इच्छा शक्ति से कोरोना को मात दी। इसके अलावा कोरोना को शिकस्त देने के लिए दिल दिमाग की मजबूती के साथ संयमित जीवनशैली बेहद अहम है। इसी के बल पर कोविड को हराने में सफल हुए हैं। अब हमारा कर्तव्य दूसरों को संबल और मदद है। सभी से अनुरोध है कि आत्मविश्वास बनाएं रखें और अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें। तभी इस संक्रमण से मुक्ति मिल सकती है।