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निजी बसों से रोडवेज को हर माह हो रहा 2.70 करोड़ का नुकसान

प्रयागराज शहर के चारों डिपो के आसपास एक किमी परिधि में निजी बसों का बेरोकटोक संचालन किया जा रहा है। वहीं तीन विभाग मिलकर भी शासनादेश का पालन नहीं करा पा रहे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 08:10 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 10:15 AM (IST)
निजी बसों से रोडवेज को हर माह हो रहा 2.70 करोड़ का नुकसान
निजी बसों से रोडवेज को हर माह हो रहा 2.70 करोड़ का नुकसान

प्रयागराज, जेएनएन। निजी बसों के बेरोकटोक संचालन से उप्र परिवहन निगम (रोडवेज) को बड़ा नुकसान हो रहा है। प्रयागराज शहर के चार प्रमुख बस अड्डों पर निजी बसों के संचालक से रोज नौ लाख यानी हर महीने 2.70 करोड़ रुपये राजस्व को चोट पहुंच रही है। शासनादेश है कि रोडवेज बस स्टैंड की एक किलोमीटर परिधि में डग्गामारी नहीं होगी। यही सुप्रीम कोर्ट का निर्देश भी है। इसके बाद भी आदेश को संबंधित विभाग ठेंगा दिखा रहे हैं। 

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निजी बस संचालकों ने एक किमी परिधि के नियम को ताख पर रखा

शहर में सिविल लाइंस, रोडवेज का प्रधान डिपो है। इसके अलावा प्रयाग, लीडर रोड और जीरो रोड डिपो से बसें विभिन्न स्थानों के लिए संचालित होती हैं। विभागीय आकड़े बताते हैं कि इससे प्रत्येक दिन रोडवेज को करीब 90 लाख रुपये की आमदनी होती रही है लेकिन, निजी बस संचालक रोडवेज की नाक में दम किए हैं। एक किलोमीटर परिधि के नियम को ताख पर रखते हुए निजी बसें डिपो के 100 मीटर परिधि में ही सवारियां ढोती हैं। यह खुलेआम होता है। निजी बस को चलवाने में पूंजीपतियों से लेकर माफिया और सफेदपोश तक शामिल हैं। 

...तो सीसीटीवी कैमरा किसलिए

जिला और पुलिस प्रशासन ने शहर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं। सिविल लाइंस बस अड्डे के इर्द-गिर्द भी कैमरे लगे हैं। इनसे अफसरों को सब दिख रहा है कि कहां क्या हो रहा है। फिर भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

आरटीओ, पुलिस का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा : आरएम

प्रयागराज के आरएम टीकेएस बिसेन का कहना है कि हम रोज नुकसान उठा रहे हैं। शासनादेश के पालन के लिए आरटीओ और पुलिस महकमे का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। सभी को पत्र भेजते रहते हैं। परिवहन आयुक्त तक को लिखित रूप से अवगत करा चुके हैं लेकिन, किसी तरह से समन्वय नहीं हो रहा है। हमें यह अधिकार भी नहीं दिए गए हैं कि कोई कानूनी कार्रवाई कर सकें। 

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