Coronavirus Effect : रोडवेज बसों की रफ्तार भी 'संक्रमित', हो रहा आर्थिक नुकसान Prayagraj News
कोरोना वायरस ने रोडवेज की आय पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है। बसों में भीड़ न होने से विभाग को आर्थिक नुकसान हो रहा है। लोग संक्रमण से बचने के लिए निजी वाहनों का प्रयोग कर रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। जून माह की गर्मी भी आज बीत रही है। इसके बावजूद रोडवेज की एसी बसें पिट रही हैं। ऐसा इसलिए कि लोग निजी साधन से यात्रा को प्राथमिकता दे रहे हैं। दूसरे महानगरों से प्रयागराज आने वालों की संख्या अचानक कम भी हो गई है। जी हां, यह सब कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण ही नजर आ रहा है।
रोडवेज की बसें खाली चल रही हैं
कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण से लोग एक बार फिर दहशत में आ गए हैं। इसलिए लोग रोडवेज बसों से सफर नहीं कर रहे हैं। ऐेसे में बसें खाली चल रही हैं। इससे रोडवेज पर आर्थिक संकट आ गया है। रोडवेज ने जून माह के शुरुआती दिनों में बसों का सामान्य संचालन शुरू किया था तो साधारण बसों को यात्री कुछ दिनों बाद भरपूर मिलने लगे थे।
एसी व साधारण बसों से रोडवेज को इन रूटों पर कम हो गई आमदनी
इसके बाद एसी जनरथ बसें और लखनऊ से पिंक सेवा भी शुरू कर दी गई। इनमें यात्रियों की संख्या बढऩे लगी लेकिन कोरोना संक्रमण फिर से बढऩे पर यात्रियों की संख्या घट गई है। सुविधा संपन्न लोग अब निजी साधन से ही यात्रा कर रहे हैं। इससे मध्य प्रदेश, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी रूट पर एसी सहित साधारण बसों से रोडवेज को होने वाली आमदनी में तेजी से गिरावट हुई है।
बोले, रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक
रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन का कहना है कि साधारण बसों में सीटें अभी 50 प्रतिशत ही भर पा रही हैं। लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी रूट पर एसी गाडिय़ों को पांच से 10 सवारियां ही मिल पा रही हैं। पिछले सप्ताह लखनऊ से पिंक सेवा की एसी बस केवल 12 लोगों को लेकर आई। प्रत्येक दिन करीब 35 यात्री ही बसों को मिल पा रहे हैं जबकि यह संख्या 60 हजार होनी चाहिए। सिटी बसों में भी ऐसे ही हालात हैं।