Road Accident in Prayagraj : शास्त्री पुल की रेलिंग तोड़ नीचे गिरा अनियंत्रित डंपर, चालक समेत तीन जख्मी
शुक्रवार की देर रात करीब तीन बजे एक डंपर प्रयागराज में शास्त्री पुल पर जा रहा था। अचानक चालक का वाहन पर से नियंत्रण हट गया। इससे शास्त्री पुल की रेलिंग को तोड़ता हुआ डंपर नीचे गिर गया। हादसे में डंपर चालक समेत तीन जख्मी हो गए।
प्रयागराज, जेएनएन। जिले में शास्त्री पुल पर शुक्रवार देर रात दिलदहला देने वाली घटना हो गई। बेकाबू डंपर पुल पर लगे खंभे, प्लेटफार्म और रेलिंग को तोड़ता हुआ नीचे गिर गया। डंपर की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह दूसरी लेन पर चला गया था। इसमें सवार चालक और दो खलासी गंभीर रूप से घायल हो गए। तीनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोपहर में एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी घटनास्थल पर पहुंचे और मौका मुआयना किया।
झूंसी की ओर जा रहा था डंपर
चित्रकूट जनपद से शुक्रवार रात करीब १० बजे एक डंपर मानसिंह इंटरप्राइजेज की बालू लादकर प्रतापगढ़ के लिए रवाना हुआ। इसमें चालक साबिर अली, खलासी दिनेश व हीरालाल निवासी पथरी जनपद चित्रकूट सवार थे। सहसों होकर बहरिया मार्ग होते हुए उसे प्रतापगढ़ जाना था। साबिर अली देर रात करीब तीन बजे डंपर लेकर शास्त्री पुल पर पहुंचा। वह प्रयागराज-वाराणसी लेन से आगे बढ़ा रहा था। आधा पुल पार करने के बाद अचानक डंपर साबिर से अनियंत्रित हो गया। वह जब तक कुछ समझ पाता बेकाबू डंपर सड़क किनारे बने प्लेटफार्म और खंभे को तोड़ता हुआ दूसरी लेन वाराणसी-प्रयागराज पर पहुंच गया। यहां सड़क किनारे बनी रेलिंग को तोड़ता हुआ नीचे गिर गया। यह देखकर उस समय पुल से गुजर रहे वाहन चालकों के होश उड़ गए।
तीन लोग जख्मी, डंपर चालक की हालत गंभीर
सूचना पाकर झूंसी और दारागंज पुलिस मौके पर पहुंची। डंपर को नीचे गिरा देख पुलिसकर्मी भी दंग रह गए। आननफानन में पुलिसकर्मी नीचे पहुंचे और डंपर में सवार साबिर अली, दिनेश व हीरालाल को बाहर निकालते हुए स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल भिजवाया। जहां साबिर अली की हालत नाजुक बनी हुई है। वाहन से मिले कागजात से पुलिस ने डंपर के मालिक के साथ ही घायलों के स्वजनों को भी इसकी जानकारी दी। दोपहर में एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी मौके पर पहुंचे। घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने इंस्पेक्टर झूंसी नरेंद्र कुमार से पूरी घटना की जानकारी ली।
बड़ा हादसा होने से बच गया
सुबह भी पुल पर भीड़ जुटी थी। लोगों का कहना था कि संयोग ही था कि हादसा बीच पुल पर नहीं हुआ। वरना डंपर गंगा नदी में गिर जाता और लोगों की जान भी जा सकती थी।
दो-तीन मिनट रेलिंग से झूलता रहा डंपर
सड़क किनारे बने प्लेटफार्म, खंभे को तोड़ता हुआ जब डंपर दूसरी लेन पर पहुंचा तो उसकी रफ्तार थोड़ी कम हो गई थी। दूसरी लेन पर लगी रेलिंग टूटी तो डंपर का गुल्ला उसमें फंस गया। जिस कारण डंपर दो-तीन मिनट तक हवा में झूलता रहा और फिर नीचे गिरा।
बोले घायल, गले में फंस गई थी आवाज
घटना में घायल हुए साबिर अली की हालत बेहद नाजुक है। वह बोलने में असमर्थ है। जबकि दिनेश और हीरालाल की हालत पहले से ठीक है। दोनों ने बताया कि ऐसा मंजर कभी सपने में भी नहीं देखा था। देर रात जो कुछ हुआ, उसे सोचकर ही शरीर कांप जाता है। मौत बिल्कुल छूकर निकल गई। घरवालों और भगवान का आशीर्वाद था कि जान बच गई। बताया कि नया यमुना पुल पार करने के बाद साबिर से दोनों ने कहा था कि क्या नींद आ रही है क्या तो उसने जवाब दिया नहीं। लेकिन शास्त्री पुल पर पहुंचते-पहुंचते उसे झपकी आने लगी थी। दिनेश और हीरालाल का कहना है कि डंपर जब बेकाबू होकर दूसरी लेन की तरफ भागा तो उनकी समझ में ही नहीं आया कि यह क्या हो गया। लेकिन जब डंपर का गुल्ला पुल की रेलिंग में फंसा और डंपर हवा में झूलने लगा तो उनकी जान में जान आई। किंतु, पलभर में नीचे का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए। वह इतना भयभीत हो गए कि मदद की आवाज लगानी चाही तो उनके गले में आवाज फंस गई।