सरसों तेल व पामोलीन के साथ रिफाइंड की बढ़ती कीमतों पर लगा लगाम, रेट में आई गिरावट
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि पिछले दिनों खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी की वजह से बिक्री भी करीब 20 से 25 फीसद घट गई थी। इधर कंपनियों ने रेट में मामूली कमी की है। इससे बिक्री में भी थोड़ी तेजी है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पिछले करीब एक महीने से खाद्य तेलों यानी सरसों तेल, रिफाइंड, पामोलीन व वनस्पति घी की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही थी। लेकिन, इस सप्ताह खाद्य तेलों के थोक रेट में मामूली रूप से गिरावट हुई है। खाद्य तेलों की कीमतों में 20 से 25 रुपये टिन की कमी हुई है। इसका असर फुटकर दामों पर भी पड़ा है। दाम कम होने से आम लोगों को राहत मिलेगी। रसोई खर्च में अतिरिक्त खर्च होने वाले रुपये में कमी आएगी। हालांकि त्योहारी सीजन अब शुरू होगा। ऐसे में कंपनियों द्वारा दाम बढ़ाए भी जा सकते हैं।
पिछले महीने खाद्य तेलों में हुई थी मूल्य वृद्धि
करीब महीने भर पहले सरसों के तेल और रिफाइंड के दाम फुटकर में 145 से 150 रुपये लीटर था। हालांकि पिछले महीने के आखिरी पखवारा से खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी का रुख हो गया था। इससे फुटकर में सरसों तेल बढ़कर 170 से 175 रुपये किलो और रिफाइंड का दाम 160 से 165 रुपये लीटर हो गया था। पिछले कुछ दिनों के दौरान रिफाइंड और सरसों तेल में 10 से 15 रुपये लीटर की तेजी हुई थी। इसी प्रकार वनस्पति घी का दाम भी 135-140 से चढ़कर 145-150 रुपये हो गया था।
जानें, खाद्य तेलों की कीमत
सरसों तेल का थोक रेट (15 किलो टीन) 2670 रुपये, रिफाइंड (15 लीटर टीन) 2300 और पामोलीन 2150 रुपये में था। डालडा का दाम (15 किलो टीन) 18 सौ रुपये हो गया था। दामों में तेजी की वजह से व्यापारियों ने भी माल रोक लिए थे। इस सप्ताह सरसों तेल का थोक रेट (15 किलो टीन) 2650 रुपये, रिफाइंड (15 लीटर टीन) 2280 रुपये, पामोलिन (15 किलो टीन) 2130 रुपये, और डालडा का रेट (15 किलो टीन) 1775 रुपये हो गया है।
त्योहारी सीजन में बढ़ सकते हैं दाम
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि पिछले दिनों खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी की वजह से बिक्री भी करीब 20 से 25 फीसद घट गई थी। इधर कंपनियों ने रेट में मामूली कमी की है। इससे बिक्री में भी थोड़ी तेजी बनी है। हालांकि अभी यह कहा नहीं जा सकता है कि खाद्य तेलों के दाम और घटेंगे अथवा बढ़ेंगे। त्योहारी सीजन में दाम बढ़ भी सकते हैं।