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शिक्षक पति-पत्नी को एक ही जिले में नियुक्ति पाने का अधिकार, इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट में रिट दाखिल करने वाले याचियों का कहना था कि उनकी सेवा पांच साल की नहीं हुई है लेकिन उनकी पत्नियां दूसरे जिलों में नियुक्त हैं उनका भी उन्हीं जिलों में स्थानांतरण किया जाय जहां उनकी पत्नियां कार्यरत हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 12:00 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 12:01 PM (IST)
शिक्षक पति-पत्नी को एक ही जिले में नियुक्ति पाने का अधिकार, इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश
​​​​सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को चार सप्ताह में प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने का निर्देश

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे सहायक अध्यापकों को बड़ी सहूलियत देते हुए कहा है कि पति-पत्नी को एक ही जिले में नियुक्ति पाने का कानूनी अधिकार है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंतर जिला स्थानांतरण के मामले में ऐसे अध्यापकों को राहत दी है, जिनकी पत्नियां अध्यापक हैं और वह अपने ससुराल वाले जिले में नियुक्त हैं। इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऐसे अध्यापकों को राहत दी है जो स्वयं अथवा उनके माता-पिता किसी असाध्य रोग से पीडि़त हैं। हाई कोर्ट ने ऐसे अध्यापकों को विशेष परिस्थिति में मानते हुए एक जनपद में पांच साल की सेवा अनिवार्यता की छूट पाने का हकदार माना है। बेसिक शिक्षा सचिव को इनके स्थानांतरण पर विचार कर चार हफ्ते में  निर्णय लेने का आदेश दिया है।

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चार सप्ताह में प्रत्यावेदन पर लेना है निर्णय

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने संजय सिंह, राजकुमार सिंह, वीरसेन, वरुण कुमार व अन्य की याचिकाओं पर दिया है। याचियों का कहना था कि याचीगण की सेवा पांच साल की नहीं हुई है, लेकिन उनकी पत्नियां दूसरे जिलों में नियुक्त हैं, उनका भी उन्हीं जिलों में स्थानांतरण किया जाय, जहां उनकी पत्नियां कार्यरत हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि पांच साल सेवा की अनिवार्यता में महिलाओं को छूट है, लेकिन पुरुषों को ऐसी छूट नहीं है। इसलिए स्थानांतरण की मांग पत्नियां कर सकती हैं। पुरूष अध्यापक नहीं।

ससुराल वाले जिले में नियुक्ति पाने का अधिकार

महिलाओं को अपने ससुराल वाले जिले में नियुक्ति पाने का अधिकार है। इस मामले में याचीगण की पत्नियां पहले से ही अपने ससुराल वाले जिले में नियुक्त हैं। ऐसे में वो स्थानांतरण की मांग नहीं कर सकतीं। सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि शिक्षक पति-पत्नी को एक ही जनपद में नियुक्ति पाने का अधिकार है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद याचीगण के प्रत्यावेदन पर चार सप्ताह में विचार करके निर्णय लें।


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