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शूटआउट के बाद फरार सिपाही समेत चारों आरोपित पर 25-25 हजार रुपये इनाम घोषित

नामजद अभियुक्तों के साथ ही उनको संरक्षण और शरण देने वालों पर भी पुलिस कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। अब तक की जांच में पता चला है कि जिले में तैनात एक महिला आबकारी इंस्पेक्टर व कुछ विभागीय अधिकारी मुख्य आरोपित विमलेश को प्रश्रय देते थे

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 08:15 AM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 08:15 AM (IST)
शूटआउट के बाद फरार सिपाही समेत चारों आरोपित पर 25-25 हजार रुपये इनाम घोषित
गिरफ्तारी न होने पर 25-25 हजार का इनाम, तलाश में छापेमारी, अब तक नहीं लगा सुराग

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कीडगंज में भरे बाजार अंधाधुंध फायरिंग कर एक को मौत के घाट उतारने और तीन को घायल करने के मामले में फरार चल रहे निलंबित आबकारी सिपाही विमलेश पांडेय सहित चारों आरोपितों पर इनाम घोषित कर दिया गया है। अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में नाकाम पुलिस अब इन पर 25-25 हजार रुपये का इनाम करके शिकंजा कस रही है। उधर, क्राइम ब्रांच और एसओजी की टीमें तलाश में संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी का दावा कर रही है, लेकिन अब तक कोई सुराग भी नहीं जुटा पाई है। इससे गमजदा पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों में गुस्सा पनपने लगा है।

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घटना के बाद से फोन आफ कर भागते फिर रहे

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुख्य आरोपित विमलेश, उसका भाई संदीप, भतीजा अवनीश और साथी सतीश ने घटना के थोड़ी देर बाद ही मोबाइल बंद कर लिया। इसके बाद अलग-अलग रास्ते से होकर कीडगंज से भाग निकले। सीसीटीवी फुटेज और करीबियों से पूछताछ में जो सुराग मिले हैं, उनके आधार पर तलाश चल रही है। हालांकि अभियुक्तों के मोबाइल बंद होने से उनके लोकेशन को ट्रेस करना मुश्किल हो रहा है।

शायद यही कारण है कि सनसनीखेज वारदात के चार दिन बाद भी एक भी आरोपित गिरफ्त में नहीं आ सका है। गुरुवार शाम कीडगंज के बीच वाली सड़क पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। उसमें भाजपा विधायक संजय गुप्ता के बहनोई संदीप, उनका छोटा भाई विशाल, कबाड़ी रामजी और छात्र नारायण जख्मी हो गए थे। घटना से नाराज लोगों ने तोड़फोड़ व आगजनी की थी। अगले दिन तीन गोली लगने से जख्मी विशाल की मौत हो गई थी, जिसको लेकर जमकर हंगामा हुआ था। चौंकाने वाली बात यह है कि जिले में एक नहीं बल्कि सर्विलांस व एसओजी की आठ टीमें हैं, जिसमें 70 से 80 पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसके बावजूद आरोपितों का इतने दिन तक फरार होना कई सवाल खड़े कर रहा है।

संरक्षक, शरणदाता पर भी होगी कार्रवाई -

नामजद अभियुक्तों के साथ ही उनको संरक्षण और शरण देने वालों पर भी पुलिस कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। अब तक की जांच में पता चला है कि जिले में तैनात एक महिला आबकारी इंस्पेक्टर व कुछ विभागीय अधिकारी मुख्य आरोपित विमलेश को प्रश्रय देते थे। साथ ही कुछ जनप्रतिधियों के करीबी भी इनकी मदद करते थे। ऐसे में फरारी किसकी मदद से और किसके मकान में काटी जा रही है, इसका पता लगाया जा रहा है। पुलिस को अभियुक्तों व संदिग्ध लोगों के मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) से भी कई जानकारी मिली है, जिसके आधार पर शिकंजा कसने की बात कही जा रही है।

वांछित अभियुक्तों पर इनाम घोषित कर दिया गया है। गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें शहर व शहर से बाहर दबिश दे रही हैं। जल्द ही सभी को पकड़ लिया जाएगा।

- दिनेश कुमार सिंह, एसपी सिटी


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