भक्त और भगवान के बीच कोरोना की वजह से पाबंदियां, प्रयागराज के मंदिरों में शारीरिक दूरी और मास्क पर जोर
भक्त सुरक्षित रहें इसके लिए भगवान के दरबार में सख्ती बरती जा रही है। मंदिरों में कोविड-19 का नियम कड़ाई से लागू किया जा रहा है। मास्क लगाने दो गज की दूरी सैनिटाइजेशन जैसी बंदिशों का पहरा है। नियम का पालन नहीं करने वाले लोगों को रोक दिया जाता है
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने फिर चिंता बढ़ा दी है। भक्त सुरक्षित रहें उसके लिए भगवान के दरबार में सख्ती बरती जा रही है। मंदिरों में कोविड-19 का नियम कड़ाई से लागू किया जा रहा है। मास्क लगाने, दो गज की दूरी, सैनिटाइजेशन जैसी बंदिशों का पहरा है। नियम का पालन करने वाला आराध्य के दरबार में मत्था टेक रहा है, जबकि उसकी अनदेखी करने वालों के साथ सख्ती बरती जा रही है।
मास्क बिना मंदिरों में प्रवेश करने पर रोक
मंगलवार व शनिवार को समस्त हनुमान मंदिर, शनिवार को शनि मंदिर में हजारों लोग दर्शन-पूजन करते हैं। ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण विकराल रूप धारण न करने पाए उसे लेकर मंदिर प्रबंधन चिंतित है। शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में कोविड के मद्देनजर बोर्ड लगाए गए हैं। मंदिर के महामंत्री श्याम जी पाठक बताते हैं कि मास्क लगाकर आने वाले श्रद्धालुओं को ही दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाती है। कुछ ऐसी ही व्यवस्था मां ललिता देवी मंदिर में है। मंदिर समिति के अध्यक्ष हरिमोहन वर्मा बताते हैं कि मास्क लगाकर आने वाले श्रद्धालुओं का गेट पर सैनिटाइजेशन करने के बाद प्रवेश दिया जाता है। जो मास्क नहीं लगाते उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाता।
दो गज की दूरी पर जोर
बड़े हनुमान मंदिर में भी दो गज की दूरी व मास्क लगाने का नियम बनाया गया है। बिन मास्क लगाए श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश न करने पाएं उसके लिए गेट पर चेकिंग की जाती है। शनि धाम अतरसुइया के पीठाधीश्वर पराग जी महाराज बताते हैं कि कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए कोविड-19 के नियम का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है।
मूर्ति स्पर्श करने पर पाबंदी
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मंदिरों में मूर्ति व शिवलिंग स्पर्श करने पर पाबंदी लगा दी गई है। भक्तों को दूर से दर्शन व पूजन करने की अनुमति है। पूजन सामग्री पुजारी के जरिए अर्पित की जाती है। मनकामेश्वर मंदिर के प्रभारी श्रीधरानंद ब्रह्मचारी बताते हैं कि श्रद्धालुओं को दूर से जलाभिषेक करने का निर्देश दिया गया है। शिवलिंग स्पर्श करने की अनुमति किसी को नहीं है।