इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हांगलू का इस्तीफा राष्ट्रपति ने मंजूर किया Prayagraj News
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर हांगलू का इस्तीफा राष्ट्रपति और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू के इस्तीफे को शुक्रवार को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी। इसकी पुष्टि राष्ट्रपति भवन से कर दी गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को उन्होंने एक जनवरी को इस्तीफा भेजा था। उसे स्वीकार करते हुए मंत्रालय ने राष्ट्रपति भवन को फाइल भेज दी।
मंत्रालय ने फौरन मंजूर भी कर लिया था इस्तीफा
दरअसल, प्रोफेसर हांगलू के चार साल का कार्यकाल 31 दिसंबर को पूरा हुआ। उन्होंने अचानक एक जनवरी की देर शाम मंत्रालय को इस्तीफा भेजा, जिसे मंत्रालय ने फौरन मंजूर भी कर लिया। इसके बाद फाइल राष्ट्रपति भवन भेज दी गई। कुलपति प्रो. हांगलू पर वित्तीय अनियमितता के अलावा महिला उत्पीडऩ का भी आरोप लगा था। दो जनवरी को इस्तीफे की जानकारी पर छात्रों ने इविवि परिसर में अबीर-गुलाल उड़ाकर जश्न मनाया। जबकि, महाविद्यालयों के शिक्षकों ने विरोध दर्ज कराते हुए राष्ट्रपति से इस्तीफा नामंजूर करने की मांग की। इसी बीच शुक्रवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कुलपति प्रो. आरएल हांगलू के इस्तीफे को मंूजर कर लिया। इसकी पुष्टि भी राष्ट्रपति भवन से कर दी गई है।
चार साल के कार्यकाल में तमाम आरोपों से घिरे रहे कुलपति
प्रोफेसर हांगलू के चार साल का कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा हुआ। मंत्रालय सूत्रों की मानें तो साल के पहले दिन उन्होंने देर शाम इस्तीफा भेजा। जिसे मंत्रालय ने फौरन मंजूर भी कर लिया। इसके बाद फाइल राष्ट्रपति के पास भेज दी गई। सूत्रों की मानें तो उन पर लगे तमाम आरोपों की जांच केंद्रीय स्तर पर किया जा रहा था। इसके अलावा उन पर महिला उत्पीडऩ का आरोप लगा था और बीच में उनका अश्लील ऑडियो भी वायरल हुआ था।
महिला आयोग से भी हुई थी शिकायत
मामले की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से की गई थी। मामले में आयोग ने कुलपति को तलब किया था। आयोग ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा था। ऐसा न करने पर चेतावनी भी दी थी कि यदि वह नहीं पहुंचते हैं तो पुलिस के जरिए सम्मन भेजकर उन्हें बुलवाया जाएगा। इस दौरान वह विदेश यात्रा पर होते हुए भी सीधे दिल्ली स्थित आयोग के कार्यालय पहुंचे थे। वहां तीन घंटे वह आयोग के सवालों से घिरे रहे। इस दौरान छात्राएं भी कुलपति के बर्खास्तगी की मांग को लेकर आंदोलन करती रहीं। इसी बीच उन्होंने गुरुवार को पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफा देने के कुछ ही देर बाद चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर राम सेवक दुबे ने भी पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कुलपति और रजिस्ट्रार को इस्तीफा भेजा है।