नैनी जेल से मुल्जिम को निकाला 9.30 बजे और पेश किया 2.50 बजे, प्रतिसार निरीक्षक कोर्ट में तलब
कोर्ट ने इस लापरवाही की जांच शुरू कराते हुए जेल अधीक्षक से आख्या तलब की। तब पता चला कि इस देरी के पीछे पुलिस की ओर से उदासीनता की गई। जेल अधीक्षक ने न्यायालय को अवगत कराया कि बंदी संदीप को सुबह साढे़ नौ बजे पुलिस को सौंपा गया था।
प्रयागराज, जेएनएन। हत्या के आरोप में नैनी जेल में निरुद्ध संदीप उर्फ रग्घु को 30 नवंबर को समय से न्यायालय में हाजिर नहीं किया गया। नतीजतन अदालत को 13 दिसंबर की तारीख नियत कर सुनवाई स्थगित करनी पड़ी। पत्रावली में उच्च न्यायालय द्वारा मुकदमे को शीघ्र निस्तारित करने के आदेश का अनुपालन नहीं हो सका, बल्कि आरोपित को शीघ्र न्याय मिलने में भी देरी हुई। कोर्ट ने पुलिस की इस लापरवाही की जांच शुरू कराते हुए जेल अधीक्षक नैनी से आख्या तलब की। तब पता चला कि इस देरी के पीछे पुलिस की ओर से उदासीनता की गई।
9.30 बजे जेल से निकाला तो कैसे कोर्ट में 2.50 बजे
नैनी जेल अधीक्षक ने लिखित रूप से न्यायालय को अवगत कराया कि बंदी संदीप को सुबह साढे़ नौ बजे पुलिस को इस आशय से सौंप दिया गया था कि इसे जिस न्यायालय में तलब किया गया है, वहां प्रस्तुत करें। जबकि न्यायालय के समक्ष पुलिस लाकअप से लाकर इन्हें दो सिपाहियों द्वारा 2:50 बजे अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इस पर अपर जिला जज नुसरत खान की अदालत ने प्रतिसार निरीक्षक पुलिस लाइन प्रयागराज को चार दिसंबर को तलब किया है।
कोर्ट ने जारी किया प्रतिसार निरीक्षक को नोटिस
नोटिस जारी कर पूछा है कि किस वजह से बंदी को हाजिर करने में इतनी देर हुई, जबकि नैनी सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को बताया कि 30 नवंबर को जेल में निरुद्ध संदीप उर्फ रग्घु को पुलिस एस्कार्ट के साथ 9:30 बजे ही सौंप दिया गया था। सुरक्षा में लगाए हेड कांस्टेबल शोभराज राय एवं चंद्रशेखर द्वारा कोर्ट में 2:50 बजे बंदी को हाजिर किया गया था जिसकी वजह से पत्रावली पर सुनवाई नहीं हो सकी।