Move to Jagran APP

Prayagraj Magh Mela 2021: माघ मेला की व्यवस्था को लेकर तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी बढ़ी, मकर संक्रांति के बाद होगा विरोध

Prayagraj Magh Mela 2021 पंडित राजेश तिवारी व संतोष भारद्वाज ने संयुक्त रूप से कहा कि तीर्थ पुरोहित समाज एक बैनर के नीचे एकत्र होकर एक बडी लडाई लड़ने की जरूरत है। कहा कि प्रयागवाल तख्‍त को भी लेकर मेला प्रशासन ने अनदेखी की है।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 11:57 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 11:57 AM (IST)
Prayagraj Magh Mela 2021: माघ मेला की व्यवस्था को लेकर तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी बढ़ी, मकर संक्रांति के बाद होगा विरोध
माघ मेला की व्‍यवस्‍था को लेकर प्रयागराज के तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश व्‍याप्‍त है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज माघ मेला की व्यवस्था को लेकर तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी बढ़ रही है। संगम से दूर शिविर लगाने का स्थान देने के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने लामबंदी तेज कर दी है। सारे संगठनों को एकजुट करके मकर संक्रांति स्नान पर्व के बाद तीर्थ पुरोहित प्रशासन को घेरेंगे। प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष सुभाष पांडेय ने प्रशासन पर तीर्थपुरोहितो को संगम क्षेत्र से दूर बसाने व कल्पवासी को संगम स्नान से वंचित कराने का आरोप लगाया है।  

loksabha election banner

महामंत्री राजेंद्र पालीवाल ने कहा कि संगम क्षेत्र आकर्षण का केंद्र रहता है। उक्त क्षेत्र मे अक्षयवट, महाबीर, जगदीश रैम्प मार्ग तथा मुख्य मार्ग संगम मार्ग आता है। पूर्व वर्ष में इन मार्गों के आस-पास अनेकों तीर्थ पुरोहितों को भूमि आवंटित होती थी। हालांकि विगत कुछ वर्ष से अति विशिष्ट संतों, प्रभावशाली संस्थाओं को इन स्थानों पर भूमि का आवंटन होता गया। इससे तीर्थ पुरोहित स्थानांतरित होते गए। इन संस्थाओं ने पहले वर्ष तो थोडी भूमि लेकर बसना शुरू किया था। उसके बाद भूमि व सुविधा इतनी बड़ी हो गई कि सम्पूर्ण प्लाट से तीर्थ पुरोहितों को मेला प्रशासन ने अन्यत्र हटाने में संस्था का पूर्ण सहयोग किया। आरोप लगाया कि क्योकि संस्था संचालक सत्ता के नजदीकी हैं, इसलिए प्रशासन उन्हें नजर अंदाज नहीं कर सकता है। 

इसलिए तीर्थ पुरोहित नजर अंदाज कर दिए गए। उन्‍हें संगम से एक या दो किलोमीटर दूर कर दिया गया। उस तीर्थ पुरोहित के यहां कल्पवास करने वाले लोग संगम के निकट के मोह में उस तीर्थ पुरोहित को छोड़कर संगम के निकट के संस्थाओं में बसने लगे। आज की स्थिति यह है कि तीर्थ पुरोहित के बीधे की भूमि उसे इस स्थान पर विस्वे में मिलने लगी, जिससे वह कल्पवासियों को नहीं बसा सकता है। वहीं कल्पवासी मजबूर होकर संगम के निकट की संस्थाओ मे बसने को मजबूर हैं। 

पंडित राजेश तिवारी व संतोष भारद्वाज ने कहा कि तीर्थ पुरोहित समाज एक बैनर के नीचे एकत्र होकर एक बडी लडाई लड़ने की जरूरत है। कहा कि आज प्रयागवाल तख्‍त को भी लेकर मेला प्रशासन अनदेखी की है। जब सम्पूर्ण वर्ष तीर्थ पुरोहितों का प्रयागवाल तख्‍त महावीर मार्ग, अक्षयवट मार्ग, जगदीश रैम्प मार्ग पर स्थापित है।  कई वर्ष से इसी स्थान पर मेले के दौरान भी रहता है तो संस्थाओं, प्रशासनिक कैंप आदि के आवंटन के समय ध्यान देकर प्रयागवाल तख्‍त का स्थान छोड़कर कर आवंटन करना चाहिए। हालांकि ऐसा नहीं कर संपूर्ण भूमि आवंटन कर पूर्व से स्थापित प्रयागवाल तख्‍त और संस्थाओं में विवाद उत्पन्न कराना प्रशासन की मंशा थी। यही कारण था कि संस्थाओं और तीर्थ पुरोहितों में विवाद हुआ। अमरनाथ तिवारी, दिनकर पांडेय, अनुज तिवारी, उदय नारायण, गोपाल मिश्र, आशुतोष पालीवाल, रवि मिश्र, राजेश, विवेक तिवारी,अजय मिश्र, सुरेंद्र, राम बिहारी शुक्ला, सुधीर शर्मा, अमित कुमार सहित तमाम तीर्थ पुरोहितों ने प्रशानिक कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.